ऑनलाइन काम नहीं तो मानधन नहीं,  आंगनवाड़ी सेविकाएं संकट में 

ऑनलाइन काम नहीं तो मानधन नहीं,  आंगनवाड़ी सेविकाएं संकट में 

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-06 13:41 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिला व बाल विकास विभाग ने कामकाज ऑनलाइन करने के लिए आंगणवाडी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिए। 3 से 7 दिन तक ऑनलाइन प्रक्रिया किस तरह की जाए, इसका प्रशिक्षण दिया और 1 जुलाई से सारी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करने के आदेश जारी किए। अधिकांश सेविकाओं की आयु 50 साल से ज्यादा है और 10 रजिस्टर की जानकारी आनलाइन भरने में इन्हें परेशानी हो रही है। ऑनलाइन काम नहीं किया तो मानधन नहीं देने की चेतावनी देने से सेविकाएं पशोपेश में पड़ गई है। अधिकारियों की चेतावनी से कई बुजुर्ग सेविकाएं बीमार पड़ गई है। 

नागपुर शहर में बाल विकास प्रकल्प अधिकारी के 6 कार्यालय है और इसके तहत 933 आंगणवाडियां चल रही है। आंगणवाडी में 3 से 6 साल तक के बच्चों को क, ख, ग सिखाया जाता है, तो गर्भवती माताओं को प्रोटीनयुक्त गोलियां दी जाती है। इसके अलावा किशोरवयीन लड़कियों को भी विशेष आहार दिया जाता है। सेविकाओं की सेवानिवृत्ती आयु 65 वर्ष है और वर्तमान में 50 फीसदी से ज्यादा सेविकाएं 50 साल से ज्यादा आयु की है। महिला व बाल विकास विभाग ने आंगणवाडी सेविकाओं को स्मार्ट बनाने का निर्णय लेने के बाद मई के अंत में सभी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिए गए। सेविकाओं को 3 से 7 दिन तक ट्रेनिंग दिया गया। मोबाइल में एप्प डाउनलोड किया गयाऔर इसमें ही 10 रजिस्टर का लेखाजोखा आनलाइन भरना है। 1 जुलाई से आनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई। ऑनलाइन डाटा नहीं भेजनेवाली सेविकाओं का मानधन काटने की चेतावनी देने से सेविकाओं में हड़कंप मच गया है। 
 
ये रजिस्टर भरने हैं आनलाइन 

परिवार प्रबंधन रजिस्टर, पालन पोषण रजिस्टर,  वृध्दि (आयु व वजन) रजिस्टर, गृह भेंट, अपेक्षित काम की सूची, आंगणवाडी प्रबंधन, किशोरवयीन लडकियों का डाटा, टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण, एमपीआर (मासिक प्रगति रिपोर्ट) व सीबीई प्रोग्राम रजिस्टर है। ये सारी जानकारी स्मार्ट फोन के जरिए हर दिन ऑनलाइन भेजनी है। 
 
थकती आयु में आनलाइन प्रोसेस व चेतावनी से पड़ रहे बीमार 

कई सेविकाओं की आयु 55 व 60 साल है। उम्र के इस पड़ाव में आनलाइन प्रोसेस इन्हें भारी पड़ रही है। साथ ही 3 से 7 दिन में ऑनलाइन प्रोसेस समझने व उस पर अमल करना मुश्किल हो रहा है। आनलाइन प्रोसेस के दबाव के साथ ही अधिकारियों की चेतावनी से 55 व 60 साल की सेविकाएं बीमार पड़ रही है। 
 
एक माह की मोहलत दे नहीं तो आंदोलन 

थकती आयु में स्मार्ट फोन चलाने में परेशानी होती है। केवल 3 से 7 दिन में 10 रजिस्टर का डाटा अलग-अलग माड्युल में हर दिन आनलाइन भेजना मुश्किल है। सेविकाओं को और कुछ दिन ट्रेनिंग मिलना चाहिए। इसके अलावा आनलाइन कामकाग के लिए सेविकाओं को एक महीने का समय मिलना चाहिए। सेविकाएं बीमार पड़ रही है। एक माह की मोहलत नहीं मिली तो पाटणकर चौक स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।  -मधुकर भरणे, जिलाध्यक्ष, आंगणवाडी कर्मचारी संगठन (सीटू) नागपुर. 
 
प्रस्ताव आया तो फिर से प्रशिक्षण देने पर हो सकता हैं विचार 

ऑनलाइन कामकाज में दिक्कत आ रही है, तो सेविकाओं ने तत्संबंधी प्रस्ताव देना चाहिए। सेविकाओं के इस प्रस्ताव को एकात्मिक बाल विकास सेवायोजना आयुक्त के पास भेजा जाएगा। सेविकाओं को फिर से ट्रेनिंग देने की गुजारिश शासन से की जाएगी। साथ ही ऑनलाइन कामकाज समझने के लिए और कुछ दिनों की मोहलत देने पर विचार किया जाएगा। तनाव में काम नहीं होना चाहिए।  -एम. बोरखेडे, उपायुक्त, एकात्मिक बाल विकास विभाग नागपुर. 

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