इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या मामले बढ़ सकती है अर्णब की मुसीबत

इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या मामले बढ़ सकती है अर्णब की मुसीबत

Tejinder Singh
Update: 2020-05-06 12:52 GMT
इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या मामले बढ़ सकती है अर्णब की मुसीबत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दो साल पहले इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या के मामले में एक बार फिर रिपब्लिक टीवी के मालिक और वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी मुश्किल में फंस सकते हैं। आत्महत्या करने वाले अन्वय नाईक की पत्नी अक्षता ने आरोप लगाया है कि रायगड पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी अक्षता का वीडियो ट्वीट कर इसे बेहद गंभीर मामला बताया है और इसकी छानबीन की मांग की है। हालांकि पुलिस का दावा है कि उसे छानबीन में अर्णब के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। अनिल पारसकर पुलिस अधीक्षक रायगड के मुताबिक इस मामले की छानबीन के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे। हमने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर दी है। शिकायतकर्ता को इसकी प्रति भेजी गई लेकिन उन्होंने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें रिपोर्ट की प्रति ईमेल से भेज दी गई है।

पुलिस का दावा, नहीं मिले थे सबूत

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के महासचिव व प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि महिला ने राज्य सरकार से मामले में न्याय की गुहार लगाई है। महिला के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट में अगर किसी का नाम हो तो उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। महिला ने अपने वीडियो में कहा है कि दो साल पहले उसके पति ने आत्महत्या कर ली थी। घर में उनकी 73 वर्षीय सास कुमुद का भी शव मिला था। महिला के मुताबिक मरने से पहले उसके पति ने सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए अर्णब गोस्वामी समेत तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। जिन्होंने काम के बाद बकाए पैसे नहीं दिए थे। महिला के मुताबिक आत्महत्या से पहले उसके पति ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो का काम किया था।

मामले की फिर से जांच चाहती है कांग्रेस

इसके लिए 500 मजदूर लगाए गए थे लेकिन बाद में अर्णब ने भुगतान नहीं किया। जिससे उसके पति आर्थिक परेशानी में फंस गए और काफी कोशिश के बाद पैसे नहीं मिले तो उन्होंने अपनी बुजुर्ग मां के साथ आत्महत्या कर ली। महिला का दावा है कि मामले में काफी कोशिश के बाद अलीबाग पुलिस स्टेशन में अर्णब समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर तो दर्ज हुई लेकिन आगे क्या हुआ उसे नहीं पता। महिला ने यह भी कहा कि अगर उसे कुछ होता है, तो इसके लिए रायगड जिले के पुलिस अधीक्षक अनिल पारसकर और अर्णब गोस्वामी जिम्मेदार होंगे। वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं का आरोप है कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने अर्णब को बचाया।

 

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