महिला की सुरक्षा का संदेश देने भारत भ्रमण पर निकली मध्य प्रदेश की आशा मालवीय

मध्य प्रदेश के राजगढ़ से यात्रा महिला की सुरक्षा का संदेश देने भारत भ्रमण पर निकली मध्य प्रदेश की आशा मालवीय

Tejinder Singh
Update: 2022-11-23 16:36 GMT
महिला की सुरक्षा का संदेश देने भारत भ्रमण पर निकली मध्य प्रदेश की आशा मालवीय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं यह संदेश देने के लिए मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित एक छोटे से गांव नाटाराम में रहने वाली आशा मालवीय भारत भ्रमण पर निकलीं हैं। मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर को आशा ने यह यात्रा शुरू की और वे फिलहाल देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुंची जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। शिंदे ने मंत्रालय में स्वागत करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। आशा ने कहा कि भारतवर्ष को लेकर कहा जाता है कि यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं खासकर विदेशों में इस तरह का दुष्प्रचार किया जाता है। इसीलिए मैं अकेले भारत भ्रमण कर यह संदेश देना चाहती हूं कि यहां महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। आशा ने बताया कि मैं अकेले साइकिल पर सवार होकर निकली हूं और 20 हजार किलोमीटर की यात्रा करूंगी। मैंने पहले से तय नहीं किया है कि कहां रुकना है और क्या खाना है। उन्होंने कहा कि मैं देश के सभी 28 राज्यों की यात्रा करूंगी और 300 दिनों बाद यह सफर देश की राजधानी दिल्ली में खत्म होगा। आशा ने बताया कि मध्य प्रदेश से यात्रा शुरू करने के बाद मैं गुजरात, दादरा एवं नगर हवेली होते हुए महाराष्ट्र पहुंची हूं।

अब तक मैं 2 हजार किलो मीटर का सफर कर चुकी हूं और यह महज शुरूआत है और अभी सफर बड़ा लंबा है। उन्होंने बताया कि अब तक की यात्रा में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्हें सफर के दौरान लोगों से पूरा प्यार और सहयोग मिल रहा है। 24 साल की आशा का अब तक  सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि पिता की बचपन में मौत हो गई थी। मां ने मजदूरी कर पढ़ाया लिखाया। स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर चुकी आशा ने कहा कि वे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश की खराब छवि से परेशान थी इसीलिए अकेले यात्रा कर यह दाग धोने की कोशिश कर रहीं हैं। 

 

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