अशोक चव्हाण ने कहा - सरकारी इमारतों का होगा एनर्जी ऑडिट

अशोक चव्हाण ने कहा - सरकारी इमारतों का होगा एनर्जी ऑडिट

Tejinder Singh
Update: 2020-11-01 13:46 GMT
अशोक चव्हाण ने कहा - सरकारी इमारतों का होगा एनर्जी ऑडिट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की मौजूदा सरकारी इमारतों और नई बनाई जाने वाली सरकारी इमारतों का एनर्जी ऑडिट किया जाएगा। राज्य में सरकारी इमारतों को हरित इमारत का प्रमाणपत्र देने के लिए प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के नागपुर प्रादेशिक विभाग ने वेब आधारित कम्प्यूटर प्रणाली तैयार की है। प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण ने इस कम्प्यूटर प्रणाली का उद्धाटन किया है। उन्होंने कहा कि हरित इमारत परिकल्पना का मुख्य उद्धेश्य बिजली और पानी जैसे नैसर्गिंक संसाधनों का कुशलता से इस्तेमाल करना है। साधारण इमारतों की अपेक्षा हरित इमारतों का निर्माणकार्य पर्यावरण पूरक और किफायती होगा। चव्हाण ने कहा कि इमारतों के एनर्जी ऑडिट से सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के अभियंताओं के गुणात्मक काम करने में प्रोत्साहन मिलेगा।

चव्हाण ने कहा कि प्रदेश में जुलाई 2016 में सभी सरकारी इमारतों का निर्माण हरित इमारत की परिकल्पना के तहत करने का फैसला किया गया था। इसके बाद साल 2018 में सभी मौजूदा सरकारी इमारतों का रुपांतरण हरित इमारत में करने का निर्णय हुआ।  इसलिए इस परिकल्पना के अनुसार को साकार करने के लिए कम्प्यूटर प्रणाली विकसित की गई है। इसके जरिए सरकारी इमारतों को हरित इमारत का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। 

वहीं प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के सचिव अजित सगणे ने बताया कि विभाग के माध्यम से 300 सरकारी इमारतों का एनर्जी ऑडिट पूरा हो गया है। फिलहाल मौजूद सरकारी इमारतों को हरित इमारत का प्रमाणपत्र दिया गया है। जबकि 168 नई इमारतों का हरित इमारत मूल्यांकन किया जाएगा। 
 

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