इस तरह बगैर विधायक बने अपने तीन नेताओं को मंत्री बनाएंगे आठवले

इस तरह बगैर विधायक बने अपने तीन नेताओं को मंत्री बनाएंगे आठवले

Tejinder Singh
Update: 2018-08-28 16:32 GMT
इस तरह बगैर विधायक बने अपने तीन नेताओं को मंत्री बनाएंगे आठवले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की फडणवीस सरकार में रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आठवले) को राज्य मंत्री का एक पद मिलने वाला है। आरपीआई अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि पार्टी को मिलने वाले राज्यमंत्री के पद पर 6-6 माह के लिए तीन कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार का कार्यकाल डेढ़ साल ही शेष है। मंगलवार को सरकारी अतिथि गृह सहयाद्री में पत्रकारों से बातचीत में आठवले ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य मंत्रि परिषद में आरपीआई को एक राज्य मंत्री पद देने वाले हैं। सरकार का डेढ़ साल का कार्यकाल बचा है। ऐसे में मैं अपने तीन कार्यकर्ताओं को 6-6 माह के लिए राज्य मंत्री बनाऊंगा। गौरतलब है कि आरपीआई के पास विधानसभा व विधान परिषद में कोई सीट नहीं है।

संविधान के अनुसार मंत्री पद की शपथ लेने के 6 माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक की सदस्यता जरूरी है। फिलहाल आठवले की पार्टी के पास कोई विधायक नहीं हैं और आगे विधान परिषद सदस्यता मिलने की संभावना भी नहीं हैं। ऐसे में आठवले ने बगैर विधायक बने अपने तीन नेताओं को 6-6 माह के लिए राज्यमंत्री बनाने की योजना बनाई है। क्योंकि बगैर विस व विप सदस्यता के मंत्री पद 6 माह बाद खुद छोड़ना पड़ेगा। आठवले ने कहा कि मंत्रीमंडल विस्तार होने दिजिए। आरपीआई को राज्य मंत्री का एक पद मिलेगा। आठवले कहा कि शिवसेना-भाजपा के आपसी विवाद के चलते साढे तीन साल बीतने के बाद भी महामंडलों में नियुक्ति नहीं हो सकी। आरपीआई की तरह भाजपा-शिवसेना कार्यकर्ता भी महामंडलों में नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इस काम में बड़ी देरी हो गई है। अब इसमें और देरी किए बगैर महामंडलों में जल्द से जल्द नियुक्ति होनी चाहिए। इसको लेकर मैं जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करूगा।

अगले सत्र में आएगा पद्दोनती में आरक्षण विधेयक 

केंद्रीय सामाजिक राज्य मंत्री आठवले ने कहा कि अब एट्रोसिटी कानून और मजबूत हो गया है। इससे संबंधित विधेयक को संसद से पारित करने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। साथ ही पदोन्नती में एससी-एसटी आरक्षण के लिए संसद के शीतकालिन सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा। 
 

Similar News