सादा जीवन, उच्च विचार ही है इस परिवार की कसौटी

बागवान सादा जीवन, उच्च विचार ही है इस परिवार की कसौटी

Tejinder Singh
Update: 2021-09-26 10:49 GMT
सादा जीवन, उच्च विचार ही है इस परिवार की कसौटी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेरे हिसाब से हर व्यक्ति को ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ रखने चाहिए। अगर हममें से हर एक ऐसा जीवन जीने की सोचता है, तो व्यक्ति बेहतर बनता है। मैंने हमेशा सादा जीवन जिया और बच्चों को भी यही प्रेरणा दी। यह कहना है इतवारी निवासी 85 वर्षीय दिगंबर चावरे का। 

आप युवा पीढ़ी से क्या कहना चाहते हैं। आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल कौन सा था और आपकी सफलता का राज क्या है?

मेरी पोती रुपल की शादी का पल मेरे जीवन का महत्वपूर्ण पल है। सुख और दु:ख जीवन के दो पहलू हैं, जो जीवन भर व्यक्ति के साथ चलते हैं। दु:ख में घबराना नहीं, सुख में ज्यादा खुश होना  नहीं। सफलता के लिए मेहनत आवश्यक है। मैंने मेहनत से काम किया और सफलता पाई। बच्चों को भी यही शिक्षा दी। 

आपकी अपनी विरासत क्या है? आपके अनुभव किसी के भविष्य को बेहतर बनाने में किस तरह काम आ सकते हैं?

मेरी शिक्षा और संस्कार मेरी विरासत है। शिक्षा मनुष्य के भीतर अच्छे विचारों का निर्माण करती है, मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। जो व्यक्ति सकारात्मक होता है, वो हमेशा ऊंचाइयों पर जाता है। 

आज के युवाओं का आप किस तरह मार्गदर्शन करना चाहते हैं? वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें क्या करने की जरूरत है?

युवाओं से कहना चाहता हंू कि शिक्षित होने के साथ ही शिक्षित करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए। बेहतर समाज के निर्माण में सुशिक्षित नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अशिक्षित मनुष्य की सोच पशु के समान होती है।

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