फिर लगा बैलों की दौड़ पर बैन, जिला प्रशासन ने बदला अपना निर्णय

फिर लगा बैलों की दौड़ पर बैन, जिला प्रशासन ने बदला अपना निर्णय

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-04 08:18 GMT
फिर लगा बैलों की दौड़ पर बैन, जिला प्रशासन ने बदला अपना निर्णय

डिजिटल डेस्क,  भंडारा । सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के चलते प्रतिबंधित बैलों की दौड़ को लेकर जिला प्रशासन ने मंजूरी देकर फिर अपना निर्णय बदला। जिलाधिकारी कार्यालय की मंजूरी से लाखांदुर तहसील के ग्राम मासल में 2 फरवरी को बैलोंं की दौड़ यानि शंकरपट का आयोजन किया गया। लेकिन उसी दिन शाम को जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दौड़ पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया। 

उल्लेखनीय है जिले में दशकों से बैल दौड़ की परंपरा चली आ रही है। किसान, पशुपालक व ग्रामीण अंचल के नागरिक पूरे वर्ष शंकर पट का इंतजार करते हैं। लेकिन जानवरों पर क्रुरता होने का तर्क देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि इसके बाद भी जिला प्रशासन ने नियम व शर्तों के अधिन रहकर लाखांदुर तहसील के ग्राम मासल में दो दिवसीय बैलों की दौड़ का आयोजन किया था। 

रविवार 2 फरवरी को मासल में 15 बैल जोड़ियां दौड़ी। हजारों नागरिक बैलों की दौड़ देखने पहुंचे। लेकिन उसी दिन शाम को जिला प्रशासन ने परिपत्रक जारी कर बैलों की दौड़ पर प्रतिबंध जारी कर दिया। इस कारण दूसरे दिन होनेवाली स्पर्धा नहीं हो पायी। हालांकि पहले मंजूरी कैसे दी गई? बाद में क्यें प्रतिबंध लगा दिया गया? इसे लेकर किसी तरह की ठोस जानकारी प्रशासन द्वारा नहीं दी है। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कानून सलाहकार  अधिकारी की सूचना के बाद बैलों की दौड़ पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया। 

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