बंदरबांट ऐसी कि क्रेशर से आनंदम् तक गिट्टी सप्लाई का भुगतान भी निगम ने किया

अधिकारियों ने 1 करोड़ 16 लाख की कर दी वृद्धि बंदरबांट ऐसी कि क्रेशर से आनंदम् तक गिट्टी सप्लाई का भुगतान भी निगम ने किया

Safal Upadhyay
Update: 2022-10-01 07:57 GMT
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डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। आनंदम् प्रोजेक्ट में बंदरबांट की सारी हदें निगम ने लांघ दी। मामला सामने आने के बाद खुल रही फाइलों में अधिकारियों के कारनामे सामने आ रहे हैं। नियम तो कहते हैं कि आनंदम टाउनशिप का ठेका जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया वो क्रेशर से साइट तक गिट्टी लाने का काम कंपनी के ही जिम्मे रहता है, लेकिन निगम इंजीनियरों ने डीपीआर में इसका समावेश नहीं होने का कारण बताकर निगम से भुगतान कर दिया। एक करोड़ 16 लाख 3 हजार 194 रुपए के अतिरिक्त काम के नाम पर ये घोटाला निगम में हुआ है। जिसका भुगतान भी आनन-फानन में कर दिया गया।

आनंदम टाउनशिप के निर्माण में बरती गई बंदरबांट में एक से एक घोटाले सामने आ रहे हैं। डीपीआर में की गई गड़बडिय़ां पर कार्रवाई करने की बजाय निगम अधिकारियों ने बेकडोर से करोड़ों का भुगतान कर दिया। इनमे से कई भुगतान की तो फाइलें भी निगम में नहीं मिल रही है। जो एक करोड़ 16 लाख का भुगतान किया गया है। उसमें अधिकारियों ने साइट की सफाई, दरवाजे की चौखट में किए गए पेंट का भी अतिरिक्त भुगतान दर्शा दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इतने बड़े घोटाले की जांच तक शुरु नहीं की जा रही है। जबकि निगम के गठन के पहले निगम का पूरा दारोमदार प्रशासक के जिम्मे था।

वॉटर हार्वेस्टिंग तक का पैसा निकला निगम से

निजी भवनों की अनुमति देने के पहले निगम भू-स्वामियों से वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य करती है, जिसकी एडवांस राशि निगम में जमा कराई जाती है, लेकिन आनंदम टाउनशिप की डीपीआर में वॉटर हार्वेस्टिंग को शामिल ही नहीं किया गया था। 288 मकानों की टाउनशिप में वॉटर हार्वेस्टिंग पिट का निर्माण करने के लिए भी अलग से राशि का भुगतान ठेकेदार को किया गया है।

डीपीआर में गलती, उसके बाद कंपनी पर रहे मेहरबान

आनंदम टाउनशिप की डीपीआर तैयार करने में बड़ी गलती की गई। डीपीआर बनाने का टेंडर सागर की फर्म को दिया गया था। जिसको करोड़ों का भुगतान भी कर दिया गया, लेकिन गलती करने वाली फर्म पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अफसरों की मेहरबानी का आलम ये था कि अधिकारियों ने निगम से 10 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया, लेकिन कंपनी पर आंच नहीं आने दी।

ये अतिरिक्तकाम किए गए शामिल

1 करोड़ 16 लाख के अतिरिक्त भुगतान में साइट की खुदाई, साइट की सफाई, गिट्टी प्लांटस के साईट की दूरी में वृद्धि, पीवीसी पाइप और इसकी फीटिंग, पानी के कनेक्शन के लिए वॉल्व, कचरा जाने से रोकने के लिए जाली, भूतल डस्ट फिलिंग, दरवाजे की चौखट में पेंट, बाथरुम में संट पार्ट में रेड सेंट को शामिल किया गया।

नगरीय प्रशासन आयुक्त से करेंगे शिकायत

मामला गरमाने के बाद निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनू मागो का कहना है कि इस मामले की शिकायत हम नगरीय प्रशासन आयुक्त सहित अन्य जांच एजेंसियों से करेंगे, ताकि मामले में संलिप्त ईई,सब इंजीनियर सहित अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो सकें।
 

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