सीएम ने कहा- छापेमारी का एल्गार परिषद से संबंध नहीं, अंबेडकर ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

सीएम ने कहा- छापेमारी का एल्गार परिषद से संबंध नहीं, अंबेडकर ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

Tejinder Singh
Update: 2018-04-17 14:36 GMT
सीएम ने कहा- छापेमारी का एल्गार परिषद से संबंध नहीं, अंबेडकर ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में दलित नेताओं की धरपकड़ के लिए मंगलवार को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई छापेमारी की विपक्ष ने आलोचना की है, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस छापेमारी का संबंध एल्गार परिषद से नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसिया यह कार्रवाई कर रही हैं। सरकार की इस कार्रवाई का गलत बताते हुए भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि सरकार ‘उत्पीड़न और ध्यान भटकाने वाली रणनीति’ के तहत यह कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरेगांव-भीमा दंगा भड़काने के मुख्य आरोपी संभाजी भिड़े ऊर्फ गुरुजी को गिरफ्तार करने की बजाए ऐसी ध्यान भटकाने वाली कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी तक भिड़े को गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’ 

दलित कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों पर छापे 
मंगलवार की सुबह पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। पुणे पुलिस के कई समूहों ने मुंबई, पुणे और नागपुर में कई दलित कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों में छापे मारे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुई यलगार परिषद में संलिप्त या संबंधित लोगों के खिलाफ सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। इस परिषद को गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू के नेता उमर खालिद, छत्तीसगढ़ की समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और भीम आर्मी के अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने संबोधित किया था।

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