टला विधानसभा अध्यक्ष चुनाव- कांग्रेस ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग, जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी आए भाजपा विधायक
टला विधानसभा अध्यक्ष चुनाव- कांग्रेस ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग, जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी आए भाजपा विधायक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के दस विधायकों को कोरोना हो जाने के बाद गठबंधन ने विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव टालने का फैसला किया है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए अगले अधिवेशन का इंतजार करना होगा। महा विकास आघाडी के नेताओं ने फैसला किया था कि वह बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराएंगे। इसके चलते आघाड़ी सरकार के सभी विधायकों को विधानसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया गया था। लेकिन इस बीच नेताओं को पता चला कि गठबंधन के 10 विधायक कोरोना पॉजिटिव होने के चलते अधिवेशन में नहीं आ रहे हैं। इसके बाद सत्ताधारी गठबंधन ने कोई खतरा न मोल लेने का फैसला करते हुए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव टाल दिया। कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव इसी सत्र में हो जाए लेकिन फिलहाल यह संभव न होता देख कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि विस अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाया जाए। प्रदेशाध्यक्ष पद पर चुने जाने से पहले यानी 4 फरवरी को नाना पटोले ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। तभी से यह पद रिक्त है और फिलहाल उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल विधानसभा का कामकाज देख रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस के पास ही रहेगा इसलिए इस पद के लिए पुणे जिले के भोर से विधायक संग्राम थोपटे का नाम सबसे आगे है।
जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी आए भाजपा विधायक
विधान परिषद में राकांपा सदस्य शशिकांत शिंदे ने दावा किया कि भाजपा सदस्य प्रशांत परिचारक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद वे सदन में आए थे। उन्होंने कहा कि यदि परिचारक की पॉजिटिव रिपोर्ट बदलकर निगेटिव की गई, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके जवाब परिचारक ने कहा कि मेरी 28 फरवरी को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी इसके दो बाद मैंने दोबारा कोरोना जांच की। मेरी लगातार तीन बार कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद मैंने सदन के कामकाज में हिस्सा लिया। मैंने सदन के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर को भी इस संबंध में अवगत कराया था।
परिचारक ने कहा तीन बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सदन में आया
मंगलवार को शिंदे ने जब यह मुद्दा उठाया था तो परिचारक सदन में नहीं थे। इस पर सदन में उपसभापति नीलम गोर्हे ने कहा कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी परिचारक सदन में कैसे आ गए? इस बारे में विधानमंडल सचिवालय को जांच करना चाहिए। इसके बाद परिचारक ने सदन में आने के बाद स्पष्टीकरण दिया। इससे पहले भाजपा सदस्य गोपीचंद पडलकर ने कहा कि मैंने 7 मार्च को पुणे के निजी लैब में कोरोना की जांच कराई थी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आया था। फिर मैंने ब्लड टेस्ट समेत अन्य जांच कराई। मैंने 8 मार्च को दूसरे निजी लैब में कोरोना जांच काराई तो मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई। पडलकर ने कहा कि कोरोना जांच रिपोर्ट दोष रहित होती है क्या? इसकी जांच होनी चाहिए। इस पर उपसभापति ने कहा कि पुणे के दोनों निजी लैब की जांच की जाएगी।
पॉजिटिव बता अमरावती में हो रही बीमा के पैसों की वसूली
वहीं शिवसेना सदस्य दिवाकर रावते ने कहा कि अमरावती में जानबुझकर कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव बताकर बीमा का पैसे वसूलने के मामले सामने आए हैं। इसको लेकर सरकार ने क्या कदम उठाया है, इसकी जानकारी सामने आनी चाहिए। जबकि भाजपा समर्थित सदस्य विनायक मेटे ने कहा कि वाशिम में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इसके जवाब में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटील ने कहा कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को सदन में निवेदन दिया जाएगा।