संविधान बचाओं रैली के जवाब में बीजेपी की तिरंगा यात्रा, सीएम ने कोरेगांव हिंसा को बताया साजिश

संविधान बचाओं रैली के जवाब में बीजेपी की तिरंगा यात्रा, सीएम ने कोरेगांव हिंसा को बताया साजिश

Tejinder Singh
Update: 2018-01-16 14:39 GMT
संविधान बचाओं रैली के जवाब में बीजेपी की तिरंगा यात्रा, सीएम ने कोरेगांव हिंसा को बताया साजिश

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  पुणे के भीमा कोरेगांव हिंसा प्रकरण के बाद पार्टी से दूर हुए दलित समाज को एक बार फिर से जोड़ने के लिए बीजेपी ने कवायद शुरू की है। बीजेपी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राज्य के हर जिले में तिरंगा रैली निकालेगी। पार्टी तिरंगे के साथ दलित समेत समाज के सभी तबकों को एक साथ लाने की कोशिश करेगी। साथ ही पार्टी तिरंगा रैली से राष्ट्रवादी के अध्यक्ष शरद पवार की अगुवाई में 26 जनवरी को ही मुंबई निकाले जाने वाले संविधान बचाओ मार्च को टक्कर देगी। 


भीमा कोरेगांव हिंसा का मुद्दा छाया

मंगलवार को दादर स्थित मुंबई बीजेपी कार्यालय वसंत स्मृति में हुई प्रदेश बीजेपी की विशेष बैठक में भीमा कोरेगांव हिंसा का मुद्दा छाया रहा। बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा बीजेपी के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र था। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल जब-जब सत्ता से दूर होते हैं। तब वे लोग दो समुदायों के बीच दूरियां पैदा करने का प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाई है। मामले की जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। लेकिन प्रदेश में आने वाले समय में दो समुदायों के बीच झगड़ा लगाने के लिए कोशिश हो सकती है। इसका सामना करने के लिए हमें सतर्क और तैयार रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिय द्वेष को कम करने के लिए तिरंगा रैली में समाज के सभी को झंडे के नीचे लाना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बूथ स्तर पर तैयारी शुरु करने को कहा है।  


दलित नेताओं को मिला मंच

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी के विकास एंजेंडे के जवाब में विपक्ष के पास कोई विकल्प नहीं है। इसलिए पार्टी के खिलाफ समय-समय पर साजिश होती रहती है। लेकिन बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समाज में शांति व सद्धावना बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। बैठक में मंच पर पार्टी के दलित चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले प्रदेश के सामाजिक न्याय राज्य मंत्री दिलीप कांबले और राज्यसभा सांसद अमर साबले को जगह दी गई। बैठक के अंतिम सत्र के दौरान सांसद साबले ने भीमा कोरेगांव हिंसा प्रकरण पर अपनी भूमिका भी रखी। 

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