कालाबाजारी : खाद्यान्न आपूर्ति विभाग के गोदाम से जुडे़ अधिकारी- कर्मचारियों से हो सकती है पूछताछ

कालाबाजारी : खाद्यान्न आपूर्ति विभाग के गोदाम से जुडे़ अधिकारी- कर्मचारियों से हो सकती है पूछताछ

Tejinder Singh
Update: 2020-10-12 10:42 GMT
कालाबाजारी : खाद्यान्न आपूर्ति विभाग के गोदाम से जुडे़ अधिकारी- कर्मचारियों से हो सकती है पूछताछ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी के गरीबों के लिए राशन दुकानों में भेजे जाने वाले चावल की कालाबाजारी से जुड़ा मामला उजागर होने के बाद लकड़गंज पुलिस गंभीर हो गई है। इस मामले की जांच की बागडोर थानेदार नरेंद्र हिवरे ने अपने हाथों में ले ली है। सूत्रों के अनुसार कालाबाजारी के इस कारोबार से जुड़े आरोपी चेतन मदान, श्रीकांत कक्कड़, उमेश साहू , मो. रियाज, अकरम खान, प्रदीप काजवे और विक्की जगदाले  को गिरफ्तार किया है। सभी  पुलिस रिमांड पर हैं। इन आरोपियों के मोबाइल सीडीआर का डाटा पुलिस ने संबंधित कंपनियों से मांगा है। पुलिस ने संबंधित मोबाइल कंपनियों को पत्र भेज दिया है। पुलिस के पास सीडीआर का डाटा आते ही सबकुछ साफ हो जाएगा कि, इन आरोपियों से और कौन जुड़ा है। सूत्रों की मानें तो खाद्यान्न आपूर्ति विभाग के गोदाम से जुड़े कुछ अधिकारी-कर्मचारियों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।

कई सौदागर फोन बंद कर हुए भूमिगत

राशन के चावल की कालाबाजारी में लिप्त जहां कुछ सौदागर भूमिगत हो गए हैं, कुछ के फोन बंद हो गए हैं। चावल की कालाबाजारी में लिप्त केसरवानी, लोकेश, बनोदे, मुनियार, दुर्गेश, मामा उर्फ आसिफ, आसवानी, मेहर आदि की खोजबीन में पुलिस के एक दस्ते को लगाया गया है। शहर की स्लम बस्तियों में घूम-घूमकर गरीबों से राशन चावल खरीदने वाले एजेंट आसिफ, मोनू, सोनू, अस्सू , दिनेश सहित अन्य कई एजेंटों को ढूंढा जा रहा है।

राइस मिलों को 16 रुपए के भाव से देते थे चावल

सूत्रों के अनुसार पकड़े गए आरोपियों से गहन पूछताछ हो रही है। राशन की दुकान से खरीदा गया माल राइस मिलों को करीब 16 रुपए किलो के भाव से बेचा जाता था। इस चावल को राइस मिलों में मीलिंग प्रोसेस के माध्यम से 40 से 45 रुपए किलो के योग्य बनाकर उसे बाजार में बेचा जाता है। करीब दो वर्ष पहले लकड़गंज पुलिस ने राशन अनाज की कालाबाजारी के मामले में नरेंद्र नामक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की थी। सूत्रों का कहना है कि, उस समय काफी लीपापोती किए जाने से इस प्रकरण से पूरी तरह पर्दा नहीं उठ सका था। 
 

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