महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर बॉम्बे हाईकोर्ट की रोक, पढ़ें पूरी खबर

महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर बॉम्बे हाईकोर्ट की रोक, पढ़ें पूरी खबर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-17 08:09 GMT
महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर बॉम्बे हाईकोर्ट की रोक, पढ़ें पूरी खबर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ किया है कि राज्य सरकार जब तक बैलगाड़ी की दौड़ को लेकर नियम नहीं तैयार कर लेती है, तब तक वह ऐसी दौड़ के आयोजन की अनुमति प्रदान न करें।

चीफ जस्टिस मंजुला चिल्लूर और जस्टिस नितीन जामदार की बेंच ने कहा कि सरकार जब तक "प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल" एक्ट में किए गए संसोधन के तहत नियम नहीं तैयार कर लेती तब तक वह बैलगाड़ी दौड़ के आयोजन की अनुमति न दे। सामाजिक कार्यकर्ता अजय मराठे ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में 17 अगस्त को पुणे में आयोजित की गई बैलगाडी दौड़ पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ के संचालन से जुड़े नियमों का मसौदा तैयार कर लिया गया है। लोगों के सुझाव व आपत्तियों को आमंत्रित करने के लिए मसौदे को सरकारी वेबसाइट में अपलोड कर दिया गया है।

इस दौरान बेंच के सामने याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि बैलगाड़ी दौड़ बैलों पर क्रूरता है। बैल की शारीरिक संरचना ऐसी नहीं होती है कि उसका दौड़ के लिए इस्तेमाल किया जा सके। बैल का उपयोग सिर्फ खेती के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा बैलगाड़ी दौड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। सरकार ने अब तक ऐसी दौड़ के नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।

याचिकाकर्ता के वकील की इन दलीलों पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि सरकार जब तक नियम नहीं तैयार कर लेती है तब तक वह बैलगाड़ी दौड़ के आयोजन की अनुमति न प्रदान करे। बेंच ने कहा कि यदि नियम तैयार होने के बाद अनुमति दी जाती है तो जिलाधिकारी यह आश्वस्त करे की दौड़ के दौरान बैलों को किसी प्रकार की क्रूरता व पीड़ा का सामना न करना पड़े। बेंच ने फिलहाल इस मुद्दे पर सरकार को हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने जल्लीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए इसे खेल के दायरे में लाते हुए इसके लिए कानून में जरूरी बदलाव किया था। इसके बाद महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ पर लगी पांबदी की मांग उठी। बैलगाडी दौड़ फिर से शुरू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से विधानमंडल में संशोधन विधेयक पेश किया गया था।

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