परेशानी नहीं सहुलियत के लिए है डिजिटलाइजेशन - व्यापारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश 

परेशानी नहीं सहुलियत के लिए है डिजिटलाइजेशन - व्यापारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश 

Tejinder Singh
Update: 2020-10-30 15:41 GMT
परेशानी नहीं सहुलियत के लिए है डिजिटलाइजेशन - व्यापारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि डिजिटलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य कर दाताओं को सहुलियत देना है, न कि उन्हें परेशान करना है। हाईकोर्ट ने यह बात बीएमडब्ल्यू इंडिया फाइनेंशियल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कही। याचिका में दावा किया था कि याचिकाकर्ता की ओर से जमा किए 17 लाख सात हजार 63 रुपए वस्तु व सेवा कर (जीएसटी)  टीआरएएन 1 नेटवर्क में ट्रांसिटिव क्रेडिट के तौर पर नजर नहीं आ रहा है। चूंकि यह रकम साल 2017 में जमा की गई थी तब जीएसटी अस्तित्व में नहीं था। अब तकनीकी खामी के चलते यह राशि जीएसटी प्रशासन के नेटवर्क में नहीं दिख रही है। जबकि राशि जमा करने को लेकर उनके पास सारे दस्तावेज हैं फिर भी कंपनी के दावे को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से पैरवी कर अधिवक्ता ने याचिका में उठाए गए मुद्दों का खंडन किया। 

मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के खंडपीठ ने केंद्र सरकार व जीएसटी परिषद सहित अन्य प्रतिवादियों को याचिकाकर्ता की मांग को लेकर चार सप्ताह में उपयुक्त कदम उठाने को कहा। खंडपीठ ने कहा कि डिजिटलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य कर दाताओं को सुविधा देना है उन्हें परेशान करना नहीं है। वैसे जीएसटी अभी भी अपने आरंभिक दौर से गुजर रहा है। इस तरह से खंडपीठ ने याचिका को समाप्त कर दिया। 
 

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