लोक लुभावन योजनाएं नहीं, किसानों को समर्पित बजट अंतरिम बजट पेश

लोक लुभावन योजनाएं नहीं, किसानों को समर्पित बजट अंतरिम बजट पेश

Tejinder Singh
Update: 2019-02-27 13:03 GMT
लोक लुभावन योजनाएं नहीं, किसानों को समर्पित बजट अंतरिम बजट पेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव के ऐन पहले पेश राज्य के अंतरिम बजट में फडणनीस सरकार ने लोक लुभावनी घोषणाओं से परहेज करते हुए खेती और किसानों को राहत पर विशेष जोर दिया है। ज्यादातर पुरानी घोषणाओं को फिर से दोहराई गई है। बुधवार को वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा और वित्त राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने विधान परिषद में 19 हजार 784 करोड़ रुपयों के घाटे का बजट पेश किया। हालांकि वित्तमंत्री ने दावा किया है कि राजस्व घाटा राज्य के बजट के कुल आधार की तुलना में ज्यादा नहीं बल्कि नियंत्रित स्थिति में है। राजस्व घाटा पूरा करने के लिए सरकार ने किसी तरह का नया कर लगाने से परहेज किया है। लोकसभा चुनाव की वजह से 2019-20 के पहले चार महीनों के लिए अंतरिम बजट पेश किया गया है। राज्य का अतिरिक्त बजट विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019-20 वित्त वर्ष के लिए अनुमानित राजस्व वसूली 3 लाख 14 हजार 489 करोड़ होगी जबकि अनुमानित राजस्व खर्च 3 लाख 34 हजार 273 करोड़ रुपए होगा। इस लिहाज से 19 हजार 784 करोड़ के राजस्व नुकसान की संभावना है। अंतरिम बजट में सूखा ग्रस्त महाराष्ट्र के किसानों को राहत देने की कोशिश की गई है। सिंचाई के लिए 8 हजार 733 करोड़ के नियत व्यय को मंजूरी दी गई है। इसमें विदर्भ व मराठवाडा के आत्महत्या ग्रस्त जिलों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 3 हजार 498 करोड़ रुपए के नियत व्यय को मंजूरी दी गई है। रोजगार गारंटी योजना के लिए 5 हजार 189 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य में कृषि पंप कनेक्शन के लिए 900 करोड़ और जलयुक्त शिवार के लिए 1 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़ योजना के लिए भी 2 हजार 164 करोड़ का परिव्यय मंजूर किया गया है। 

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