जनता पर बोझ : बिजली-पानी पर संग्राम, सड़क पर बहाया दूध

जनता पर बोझ : बिजली-पानी पर संग्राम, सड़क पर बहाया दूध

Tejinder Singh
Update: 2020-08-02 09:50 GMT
जनता पर बोझ : बिजली-पानी पर संग्राम, सड़क पर बहाया दूध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिजली बिल को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। शनिवार को भाजपा के विधायक व नगरसेवकों ने 32 विद्युत सब स्टेशनों का घेराव किया और प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य सरकार व ऊर्जामंत्री नितीन राऊत के विरोध में नारेबाजी की। 300 यूनिट तक बिल माफ करने व अन्य खर्च कम करके बिल भेजने की मांग के साथ बिल की होली जलाई गई। पूर्व मंडल में विधायक कृष्णा खोपडे, मंडल अध्यक्ष संजय अवचट के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। क्वेटा कालोनी के चिंतेश्वर मंदिर सब स्टेशन के सामने प्रदर्शन में नगरसेवक मनोज चापले, दीपक वाडीभस्मे, राजकुमार सेलोकर, मनीषा अतकरे, जयश्री रारोकर सहित अन्य नगरसेवक व पदाधिकारी थे। दक्षिण मंडल का प्रदर्शन तुकड़ोजी पुतला चौक में हुआ। विधायक मोहन मते व मंडल अध्यक्ष देवेन दस्तूरे ने नेतृत्व किया। नाग नदी पावर स्टेशन भोला गणेश चौक में नगरसेवक रवींद्र भोयर, सक्करदरा मिर्ची बाजार में दिव्या धुरडे, बड़ा ताजबाग में पिंटू झलके के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। मध्य मंडल में विधायक विकास कुंभारे, विधान परिषद सदस्य गिरीश व्यास,गांधीबाग दयाशंकर तिवारी, शहीद चौक दीपराज पार्डीकर, गणेशपेठ प्रमोद चिखले, अर्चना डेहनकर, जरीपटका वीरेंद्र कुकरेजा, नारी चौक मिलिंद माने, शंकरनगर में सुधाकर देशमुख, संजय बंगाले, भोले पेट्रोल पंप निशांत गांधी, सीताबर्डी सुनील हिरणवार प्रदर्शन में शामिल हुए। पश्चिम नागपुर में राज्यसभा सदस्य विकास महात्मे ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। अगस्त माह के पहले ही दिन शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन किया गया। सड़क पर उतरने का कारण बिजली, पानी और दूध रहा। भाजपा ने जगह-जगह बिजली बिल की होली जलाई और दूध के दाम में वृद्धि और अनुदान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, वहीं राकांपा ने पानी की दर में वृद्धि के प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया है। राजनीतिक दलों ने कहा कि लोग कोरोना संकट से परेशान हैं और सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

जल दर में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध

मनपा प्रशासन ने पानी की दर में 5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव स्थायी समिति को भेजा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया है। राकांपा के शहर अध्यक्ष अनिल अहिरकर ने कहा है कि शहर में नागरिक पहले से ही मनपा के विविध करों से परेशान हैं, कोरोना संकट भी है। ऐसे में पानी के बिल को लेकर नागरिकों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ेगी। शहर में पानी अापूर्ति की जवाबदारी ओसीडब्ल्यू को दी गई, तब मनपा का पानी कर 5 रुपए प्रति यूनिट था, लेकिन ओसीडब्ल्यू को 7.90 रुपए प्रति यूनिट की दर देकर प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत दर बढ़ाने का अनुबंध किया गया। राकांपा ने मांग की है कि ओसीडब्ल्यू को 5 प्रतिशत दर वृद्धि का प्रस्ताव रद्द किया जाए। मनपा प्रशासन के सामने इस मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया गया। अहिरकर के नेतृत्व में प्रदर्शन में पूर्व विधायक दीनानाथ पडोले, प्यारुभाई, लीला शिंदे, मिलिंद मानापुरे, संदीप डोर्लीकर, सुरेश कर्णे, राजेश तिवारी, ज्योति लिंगायत, अरुण जयस्वाल, प्रकाश लिखाणकर, धनंजय देशमुख शामिल थे।

यह बढ़ोतरी, जनता पर बोझ

मनपा स्थायी समिति में जलापूर्ति दर वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। इसका नगरसेवक आभा पांडे ने िवरोध किया है। स्थायी समिति अध्यक्ष विजय झलके को ज्ञापन सौंपकर दर वृद्धि टालने की अपील की है। पांडे ने ज्ञापन में कहा है कि गत 10 वर्ष से निरंतर दर वृद्धि करते हुए जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ाया जा रहा है। इस वर्ष लॉकडाउन के चलते सभी वर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसी हालत में नागरिकों को राहत देने की जरूरत है।

गरीबों को दूध का वितरण कर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

राज्य सरकार की नीति का विरोध करते हुए भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्र में दूध आंदोलन किया। दूध उत्पादक किसानों को राहत देने की मांग की। आंदोलन के तहत सड़क पर दूध बहाए गए, साथ ही गरीबों को भी वितरित किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में आंदोलन का नेतृत्व पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधान परिषद सदस्य गिरीश व्यास, विधायक समीर मेेघे व अन्य ने किया। 

10 रुपए अनुदान की मांग

भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि फडणवीस के नेतृत्व की सरकार के समय दूध को प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान दिया जा रहा था। दूध पाउडर को भी अनुदान दिया गया। फिलहाल कोरोना संकट में दूध उत्पादक परेशान हैं। दूध उत्पादकाें को प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान देने व दूध का भाव प्रतिलीटर 30 रुपए करने का निवेदन किया गया है। पारसिवनी में रास्ता रोको प्रदर्शन भी किया गया। गिरीश व्यास के साथ पूर्व िवधायक मलिकार्जुन रेड्डी, अशोक कुथे, प्रकाश वांढे, कमलाकर मेंघर, परसराम राऊत सहित अन्य कार्यकर्ता थे।

हिंगना में भी एल्गार

महाविकास आघाड़ी सरकार दूध के कम दाम दे रही है। सरकार की इस नीति के विरोध में धनगरपुरा मदर डेयरी दूध संकलन केंद्र के सामने विधायक समीर मेघे के नेतृत्व में एल्गार आंदोलन किया गया, साथ ही मुख्यमंत्री के नाम का निवेदन तहसीलदार को सौंपा गया। इस दौरान वर्षा शहाकार, धनराज आष्टनकर, अंबादास उके, नीता वलके, कैलाश गिरि, विशाल भोसले, कृपाशंकर गुप्ता, अजय बुधे, बालू मोरे, नितीन साखले, महानंदा पाटील, वंदना मुडे, सविता डाखले, रेखा बडोदेकर आदि उपस्थित थे।
 

 

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