CAA के कारण देश की धार्मिक एकता आ सकती है खतरे में - शरद पवार

 CAA के कारण देश की धार्मिक एकता आ सकती है खतरे में - शरद पवार

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-21 10:14 GMT
 CAA के कारण देश की धार्मिक एकता आ सकती है खतरे में - शरद पवार

डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को पुणे में कहा कि CAA अर्थात नागरिकता संशोधन कानून के कारण देश की धार्मिक एकता खतरे में आ सकती है। CAA और NRC को लेकर लोगों की तीव्र प्रतिक्रियाएं आ रही है। देश की अर्थ व्यवस्था संकट में है इसलिए यह विषय सामने ला जा रहा है।

पुणे में आयोजित पत्रकार वार्ता में पवार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून अफगाणिस्तान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से आए हुए लोगों से संबंधित है। एक विशेष नाम के लोगों पर उनका ध्यान केन्द्रीत हुआ है। इस से गरीबों पर अन्याय हो रहा है। सुधारित नागरिकता संशोधन कानून को संसद में भी विरोध है। कानून के कारण सामाजिक, धार्मिक एकता को खतरा पैदा हो सकता है। देश की आर्थिक व्यवस्था संकट में है। उससे लोगों का ध्यान हटे इस हेतु देश में इस प्रकार का माहौल तैयार किया गया है क्या यह सवाल उठता है। देश के आठ राज्यों ने CAA और NRC लागू नहीं करेंगे ऐसी भूमिका ली हुई है।  

देवेंद्र फडणवीस ने आर्थिक अनुशासन तोड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने पिछले पांच सालों में आर्थिक अनुशासन तोड़ने का काम किया है। हाल ही में कैग की रिपोर्ट आई हुई है जिसमें 66 हजार करोड़ रूपये का हिसाब प्राप्त न होने की बात कही गई है। राज्य में इस से पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ था। इस बात को गंभीरता से लेते हुए मौजूदा सरकार विशेष समिति गठित कर आर्थिक व्यवहारों की गहरी जांच करें। ऐसी मांग भी पवार ने की।

एल्गार परिषद को लेकर की गई कार्रवाई की हो जांच
पवार ने यह भी कहा कि एल्गार परिषद अायोजन मामले में पुणे पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई संदिग्ध है। पुलिस ने अधिकारों का गैरइस्तेमाल कर नियमों को ताक पर रख कई को गिरफ्तार किया। साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं के मूलभूत अधिकारों के बारे में बिना सोचे कार्रवाई की गई। इसलिए मौजूदा सरकार पुलिस कार्रवाई की जांच विशेष जांच टीम द्वारा करे।

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