RTO होगा दलाल मुक्त, कॉल सेंटर में 24 घंटे मिलेगी जानकारी

RTO होगा दलाल मुक्त, कॉल सेंटर में 24 घंटे मिलेगी जानकारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-24 05:22 GMT
RTO होगा दलाल मुक्त, कॉल सेंटर में 24 घंटे मिलेगी जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। RTO में आने वाले वाहनधारकों को नियम तथा दस्तावेज की जानकारी लेना अब आसान हो जाएगा। यहां राज्य स्तर पर 022-62426666 नंबर का कॉल सेंटर शुरू किया गया है। इस पर संपर्क कर 24 घंटे जानकारी ली जा सकती है। शहर आरटीओ की ओर से इस संबंध में प्रचार भी किया जा रहा है। इसे प्रशासन द्वारा दलालराज खत्म करने की कवायद माना जा रहा है।

दलाल उठाते हैं फायदा
लाइसेंस हो या फिर दस्तावेज, प्राय: वाहनधारकों को पूरी जानकारी नहीं रहती। इंटरनेट पर एप के साथ आरटीओ की अधिकृत साइट है, लेकिन हर कोई इसका उपयोग नहीं कर पाता। उन्हें आरटीओ कार्यालय में आकर काउंटर से ही जानकारी लेनी पड़ती है, लेकिन काउंटर के सामने लंबी कतार होने के कारण भारी परेशानी होती है। पहले से 12 लाख वाहनों का जिम्मा उठाने वाले आरटीओ कार्यालय के कर्मचारी हर वक्त व्यस्त रहते हैं। परिसर में सक्रिय दलाल इसका फायदा उठाने लगते हैं। लाइसेंस बनाने से लेकर दस्तावेजों के लिए मनमानी वसूली की जाती है। 

मुंबई से आपरेट होगा कॉल सेंटर
अब आधे से ज्यादा काम कॉल सेंटर के माध्यम से होने की अपेक्षा की जा सकती है। राज्य स्तरीय कॉल सेंटर को मुंबई से ऑपरेट किया जानेवाला है। स्थानीय तौर पर जानकारी दी जा रही है, ताकि वाहनधारक इसका इस्तेमाल कर सकें। 

3 साल पहले शुरू किया था हेल्पलाइन नंबर 
नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटोचालकों पर सख्ती से कार्रवाई करने के उद्देश्य से आरटीओ की ओर से 3 साल पहले एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया था, लेकिन आज तक इस पर एक भी शिकायतें नहीं आई है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार, इस नंबर पर आने वाले कॉल में केवल लाइसेंस कैसे बनाएं, दस्तावेजों के लिए क्या डॉक्युमेंट जोड़ें आदि के बारे में ही जानकारी मांगी जाती थी। ऐसे में कर्मचारी भी ऐसे फोनों पर ध्यान नहीं देते हैं। 

नियमों को बता रहे धता
वर्ष 2015 में आरटीओ ने प्रति किमी 14 रुपए के अनुसार ऑटो का किराया तय किया था। नियमानुसार ऑटो चालकों को मीटर के अनुसार ही चलना है, लेकिन काफी समय बितने के बाद भी शहर के ऑटो चालक इस नियम को ठेंगा दिखा रहे हैं। आरटीओ ने धर-पकड़ शुरू की। शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर करते हुए ऑटो नंबर बताना था। हेल्पलाइन नंबर को ऑपरेट करने के लिए एक कर्मचारी भी रखा था, लेकिन इसका सदुपयोग नहीं हो पाया। इस नंबर पर घर पर कोई लाइसेंस नहीं आने की शिकायत करने लगा तो कोई नाम में गड़बड़ी गिनाने लगा। लाइसेंस बनाने के लिए क्या करना चाहिए आदि पूछताछ के लिए भी फोन आने लगे। कर्मचारी इतने परेशान हो गए कि फोन पर ध्यान देना ही बंद कर दिया। फोन अब भी शुरू है, लेकिन कोने में रख दिया गया है। घंटी बजती रहती है, लेकिन कोई उठाता ही नहीं। शहर आरटीओ के प-प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अतुल आदे का इस संदर्भ में कहना है कि कॉल सेंटर राज्य स्तरीय है। वाहनधारकों को इसके माध्यम से जानकारी दी जाए, इसका यही उद्देश्य है।  
 

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