सावधान ! इस मार्ग पर तेज गति वाहन चलाना पड़ेगा भारी 

सावधान ! इस मार्ग पर तेज गति वाहन चलाना पड़ेगा भारी 

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-19 13:44 GMT
सावधान ! इस मार्ग पर तेज गति वाहन चलाना पड़ेगा भारी 

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। तेलंगाना व महराष्ट्र की सीमा से निकट राजुरा तहसील का जंगल विविध वन्यजीवों से समृध्द है, परंतु आए दिन यहां विविध वन्यजीव राष्ट्रीय महामार्ग से गुजरनेवाले तेज रफ्तार वाहनों की भेंट चढ़ रहे हैं। शुक्रवार को  भालू की मौत मामले के बाद वनविभाग व लोकनिर्माण कार्य विभाग में समन्वय की तैयारी हो गयी है। संवेदनशील स्थान पर बोर्ड लगाने तथा ब्रेकर लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

वन्यजीव आए दिन हो रहे दुर्घटना का शिकार
राजुरा वनपरिक्षेत्र का जंगल अपने आप में विविध वन्यजीवों से भरा है। यहां भालू, बाघ, तेंदुआ, हिरण, सांभर आदि विविध प्रजातियों के वन्यजीव विचरण करते हैं। यहां की जैव विविधता उपयुक्त होने से वन्यजीवों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। परंतु आए दिन यहां चंद्रपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय महामार्ग पर दौड़ते लापरवाह वाहनों के कारण वन्यजीवों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार को जो मामला सामने आया उसमें सुमठाना गांव समीप कम्पार्टमेन्ट क्रमांक 166 में अज्ञात वाहन की टक्कर में भालू की मौके पर ही मौत हो गई थी। उपविभागीय वनअधिकारी गरकल व राजुरा वनपरिक्षेत्र अधिकारी गलगट ने मौके पर जा कर इसका संज्ञान लिया। 

इसलिए हो रहा नुकसान
जिले में अधिकतर सडकों को महामार्ग का दर्जा मिला है। उनका नवीनीकरण का काम भी हुआ है। हैदराबाद मार्ग राष्ट्रीय महामार्ग है। यहां पर फोर-लेन का काम हुआ है। नयी व सुविधाजनक सड़कों वाहन चालकों की लापरवाही बढ़ी है। इसी लापरवाही से सड़क पार करते विविध वन्यजीवों की मौते हुई है। कुछ दिन पूर्व ही चंद्रपुर-मूल मार्ग पर अज्ञात वाहन ने सड़क पार कर रहे भालू को टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। ऐसे घटना रोकने के लिए संबंधित विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस उपाय योजना नही किए जा रहे हैं।

सड़क पर नहीं गतिरोधक
नई व चौडी सड़कों पर दौड़ते लापरवाह वाहनों की गति को संवेदनशील स्थानों पर नियंत्रित किया जाना चाहिए। इसके लिए जहां वन्यजीवों का भ्रमण मार्ग है। उस क्षेत्र की सड़कों पर गतिरोधक लगाए जाने चाहिए। परंतु हैदराबाद महामार्ग पर इस तरह के गतिरोधक नहीं होने की बात परिसर के वन्यजीवप्रेमियों ने कही है। 

दो माह में चार घटनाएं
वनविभाग के अनुसार इस मार्ग पर बीते 60 दिनों में 4 घटनाएं हुई हैं, जिसमें जंगली सुअर की मौत हो गयी। वहीं निलगाय से दुपहिया की टक्कर में वाहन चालक व नीलगाय भी हताहत हो गयी। उसके बाद भालू की मौत हो गयी। बीते सालभर का आंकड़ा जुटाया जाए तो यह चिंताजनक है। 

पीडब्ल्यूडी से मांगा सहयोग
भालू के मौत की घटना के बाद हमने लोकनिर्माण कार्य विभाग से संपर्क किया है। राजुरा से सुमठाणा मार्ग के दौरान वन्यजीवों के भ्रमणवाले संवेदनशील क्षेत्र में अनियंत्रित वाहनों की गति को कम करने के लिए कुछ प्वाइंट्स पर गतिरोधक लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। शीघ्र ही यह कार्यवाही होगी। जिसके बाद ऐसी घटनाओं पर कहीं हद तक नियंत्रण आएगा।
- विदेशकुमार गलगट, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, राजुरा.
 

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