पुणे में भाजपा नेता स्मृति इराणी के खिलाफ मुकदमा दायर, मुंबई में वापस लिया गया साहित्यकार को दिया नोटिस

पुणे में भाजपा नेता स्मृति इराणी के खिलाफ मुकदमा दायर, मुंबई में वापस लिया गया साहित्यकार को दिया नोटिस

Tejinder Singh
Update: 2019-04-16 17:22 GMT
पुणे में भाजपा नेता स्मृति इराणी के खिलाफ मुकदमा दायर, मुंबई में वापस लिया गया साहित्यकार को दिया नोटिस

डिजिटल डेस्क, पुणे। भारतीय जनता पार्टी की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इराणी के खिलाफ प्रथम वर्ग न्यायालय में शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित गलत जानकारी देने पर फौजदारी मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की शहर अध्यक्ष रुपाली पाटील ने दायर किया है। रूपाली पाटिल ने शिवाजीनगर स्थित प्रथम वर्ग न्यायिक दंडाधिकारी बी. एस. गायकवाड़ के न्यायालय में मंगलवार को केस एड. विजयसिंह ठोंबरे की ओर से मुकदमा दायर किया है। इसमें स्मृति ने वर्ष 2014 तथा वर्ष 2019 के चुनावों के समय दाखिल किए गए प्रतिज्ञापत्र में अपनी शिक्षा को लेकर झूठी जानकारी दे धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। बता दें कि स्मृति ने प्रतिज्ञापत्र में कहा था कि उन्होंने बीए की पदवी ली है। लेकिन वर्ष 2019 चुनाव के समय प्रस्तुत किए प्रतिज्ञापत्र में उन्होंने बीए प्रथम साल तक शिक्षा होने का जिक्र किया था। इस पर गौर करते हुए रूपाली पाटील ने स्मृति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दायर किया है। 

एतराज जताने के लिए वापस लिया साहित्यकार को दिया नोटिस
 

उधर मुंबई में जाने माने कवि साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता सामयन मार्टिन को भेजा गया प्रतिबंधात्मक नोटिस विवाद के बाद पालघर पुलिस ने वापस ले लिया है। पालघर के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि यह नोटिस गलती से भेजा गया था। मार्टिन के अलावा दो और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं मार्कुस डाबरे और डॉमिनिक डाबरे को भेजा नोटिस भी पुलिस ने वापस ले लिया है। इससे पहले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पालघर पुलिस ने मार्टिन को प्रतिबंधात्मक नोटिस भेजकर कानून व्यवस्था में खलल डालने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। दरअसल चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसे लोगों को जो सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कानूनी प्रक्रिया में बाधा बन सकते हैं उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 149 के तहत नोटिस भेजा जाता है। वसई पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर भास्कर पुलके द्वारा वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजने के बाद विवाद हो गया था। दरअसल साइमन मार्टिन अपने सामाजिक कामों के लिए केंद्र और राज्य सरकार से कई पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को काफी सराहना मिली है। इसके बावजूद पुलिस ने मार्टिन को भेजे नोटिस में कहा है कि उनके कामों के जरिए चुनाव के दौरान अशांति फैल सकती है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि मार्टिन या उनके सहयोगियों द्वारा अगर कोई ऐसा काम किया जाता है जिससे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो तो इसके लिए उन्हें ही जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। वहीं नोटिस पर नाराजगी जताते हुए मार्टिन ने कहा कि वे किसी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में प्रचार नहीं करते और उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। मार्टिन के मुताबिक उनके खिलाफ कभी एनसी तक नहीं दर्ज की गई है ऐसे में इस तरह की नोटिस भेजे जाने के उन्हें गहरा धक्का लगा है। इसके बाद पुलिस ने गलती स्वीकार करते हुए नोटिस वापस ले लिया। 
 

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