केन्ट बोर्ड में कर्मचारियों की हड़ताल को हाईकोर्ट में चुनौती- केन्द्र सरकार, सीईओ व अन्य से किया जवाब तलब

केन्ट बोर्ड में कर्मचारियों की हड़ताल को हाईकोर्ट में चुनौती- केन्द्र सरकार, सीईओ व अन्य से किया जवाब तलब

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-09 10:26 GMT
केन्ट बोर्ड में कर्मचारियों की हड़ताल को हाईकोर्ट में चुनौती- केन्द्र सरकार, सीईओ व अन्य से किया जवाब तलब

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच में  केन्ट बोर्ड के कर्मचारियों की हड़ताल को चुनौती दी गई है। डिवीजन बैंच ने केन्द्र सरकार, केन्ट बोर्ड सीईओ, केन्ट बोर्ड उपाध्यक्ष, स्वास्थ्य निरीक्षक और केन्ट थाना प्रभारी से  जवाब तलब किया है। याचिका की अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी। 
9 नवंबर को हुई थी हड़ताल -  केन्ट बोर्ड के 2 हजार कर्मचारियों ने 9 नवंबर 2020 को हड़ताल की थी। हड़ताल को गैर कानूनी घोषित कराने और हड़ताल का मार्गदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर  केन्ट निवासी उमेश पासी और सुरेन्द्र यादव ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने टीके रंगराजन बनाम तमिलनाडु राज्य मामले में स्पष्ट तौर पर कहा है कि शासकीय कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते हैं। 
जलापूर्ति ठप, सफाई भी नहीं हुई 
 याचिका में कहा गया कि हड़ताल के दौरान केन्ट क्षेत्र की जलापूर्ति ठप कर दी गई। कर्मचारियों ने क्षेत्र में सफाई नहीं की और कचरा भी नहीं उठाया। इससे नागरिकों के स्वच्छ पर्यावरण में रहने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।  याचिका में आरोप लगाया गया कि कर्मचारियों की हड़ताल केन्ट बोर्ड सीईओ सुब्रत पाल, उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे और स्वास्थ्य निरीक्षक अभयजीत सिंह परिहार के मार्गदर्शन में की गई। अधिवक्ता यश सोनी ने कहा कि हड़ताल को गैर कानूनी घोषित कर कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने के लिए केन्ट बोर्ड सीईओ, उपाध्यक्ष और स्वास्थ्य निरीक्षक के खिलाफ विभागीय जाँच कर कार्रवाई की जाए। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने सभी अनावेदकों से जवाब माँगा है। 
 

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