मेडिकल एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा बंद करने को चुनौती - एनएमसी को जवाब पेश करने की मोहलत

मेडिकल एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा बंद करने को चुनौती - एनएमसी को जवाब पेश करने की मोहलत

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-20 09:00 GMT
मेडिकल एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा बंद करने को चुनौती - एनएमसी को जवाब पेश करने की मोहलत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में मेडिकल एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा बंद करने को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दे दी है। याचिका की अगली सुनवाई 22 मार्च को निर्धारित की गई है। 
यह है मामला 
 यह याचिका नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर से पीजी डिप्लोमा कर रही डॉ. प्रियंका गोयल सहित 18 छात्रों ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने प्रीपीजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2018 में अलग-अलग पीजी डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया था। लगभग ढाई साल की पढ़ाई के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन ने फरवरी 2020 में मेडिकल एजुकेशन से पीजी डिप्लोमा समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से उनकी ढाई साल की पढ़ाई बेकार हो जाएगी। 

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