आदिवासी किसान ने की आत्महत्या, कर्ज से परेशान था किसान

आदिवासी किसान ने की आत्महत्या, कर्ज से परेशान था किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-25 14:25 GMT
आदिवासी किसान ने की आत्महत्या, कर्ज से परेशान था किसान

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेघासिवनी में आदिवासी किसान अकरू पिता मारू उइके (55) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार सुबह उसे परिवार के लोगों ने फंदे पर लटका पाया। चुनाव के इस दौर में गांव से बात निकलकर शहर तक पहुंची तो बवाल मच गया। सोशल मीडिया में किसान के कर्ज से परेशान होने की बात खूब वायरल हुई। राजनीतिक दलों ने भी मुद्दे को हाथों हाथ लिया।

भाजपा ने आरोप लगाया कि कर्ज माफी की बात करने वाले मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में किसान कर्ज से आत्महत्या कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने कर्ज की बात को गलत ठहराया। कांग्रेस के मुताबिक पारिवारिक जमीन के विवाद से मृतक परेशान था। वहीं पुलिस का कहना है कि मृतक शराब का आदी था। नशे में आत्महत्या की बात पुलिस की प्राइमरी जांच में सामने आई है। मर्ग कायम कर पुलिस आगे जांच कर रही है। 

मृतक की तीन बेटियां, दो बेटे
मृतक आदिवासी किसान अकरू की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। जबकि बड़ा बेटा कमलेश मजदूरी करता है और छोटा बेटा नरेश छिंदवाड़ा कक्षा 10 की पढ़ाई कर रहा है। खुद की करीब 4 एकड़ जमीन है, जमीन उपजाऊ नहीं होने की वजह से अकरू और उसकी पत्नी सकलवती भी मजदूरी कर परिवार चला रहे थे। 

मामले का सच... जमीन हड़प लिए जाने से परेशान था अकरू
सोशल मीडिया पर वायरल मौत के कारण और राजनीतिक आरोपों के बीच भास्कर टीम ने मौके पर पहुंचकर मौत के कारण जानने की कोशिश की। जिसमें मृतक की पत्नी सकलवती उइके (50) और पुत्र नरेश उइके (19) ने बताया कि कुछ हाथ उधारी के अलावा उनका कोई कर्जा नहीं है। बैंक से भी उन्होंने कभी कर्ज नहीं लिया। उनके पति अकरू जमीन को लेकर परेशान थे। पारिवारिक बंटवारे की उनकी करीब 4 एकड़ जमीन उनके एक रिश्तेदार ने हड़प ली है। जिसको लेकर उनका पहले कई बार रिश्तेदार से विवाद हुआ। तब से अकरू परेशान था, कभी-कभी वह शराब भी पीता था। खुद की लगभग 4 एकड़ जमीन है, पानी नहीं होने के कारण उक्त जमीन में उपज नहीं होती है। मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। बेटी की शादी के लिए 9 हजार और मकान बनाने सहित अन्य खर्चों के लिए हाथ उधारी के तौर पर अलग-अलग लोगों से रुपए ले रखे थे। सकलवती का कहना है कि कर्ज को लेकर कभी किसी से विवाद नहीं हुआ। कर्ज देने वाले भी उन्हें परेशान नहीं करते। सकलवती ने यह भी बताया कि परेशानी के कारण पति अकरू का दिमाग घूम गया था। 

भाजपा का आरोप- कर्ज से परेशान होकर की आत्महत्या, सीएम इस्तीफा दें
भाजपा के विधानसभा प्रत्याशी बंटी साहू ने कहा कि वे खुद मेघासिवनी मृतक किसान के घर पहुंचे थे। उनकी बेटियों और पत्नी ने उन्हें बताया कि मृतक अकरू कर्ज से परेशान थे। इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की। साहू ने आरोप लगाया कि यह सरकार की विफलता है। किसानों को कर्ज माफी का लालच देकर सरकार बना ली, कर्ज माफ नहीं किया। यह किसानों के साथ धोखा है, मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। 

कांग्रेस का कहना- किसान पर कर्ज नहीं था, भाजपा शव पर राजनीति कर रही
जिला कांग्रेस अध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी ने कहा कि किसान पर कर्ज नहीं था। भाजपा गुमराह करते हुए झूठा प्रोपेगंडा कर रही है। वह मृतक किसान के प्रति संवेदनाएं जताने के बजाए शव पर राजनीति कर रही है। चुनाव में उनके पास मुद्दे नहीं हैं, इसलिए किसान की मौत को बेवजह तूल दिए जाने का काम भाजपा कर रही है। यदि कर्ज था तो बताएं किस बैंक से कर्ज लिया था।  

इनका कहना
प्राइमरी जांच में यह सामने आया है कि मृतक अकरू पिता मारू उइके शराब का आदी था। संभवत: नशे में उसने ऐसा कदम उठाया होगा। परिवार के लोगों से पूछताछ में बैंक से कर्ज की बात सामने नहीं आई है। 9 हजार के हाथ उधारी की जानकारी परिजनों ने जरूर दी है, लेकिन इसको लेकर किसी तरह के विवाद या दबाव से इनकार किया है। मर्ग कायम कर मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएसपी को जांच सौंपी है।
- मनोज राय, एसपी, छिंदवाड़ा
 

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