महाराष्ट्र लोकायुक्त के दायरे में आए मुख्यमंत्री, उधर लोकपाल को लेकर अनशन शुरू करेंगे अन्ना

महाराष्ट्र लोकायुक्त के दायरे में आए मुख्यमंत्री, उधर लोकपाल को लेकर अनशन शुरू करेंगे अन्ना

Tejinder Singh
Update: 2019-01-29 15:21 GMT
महाराष्ट्र लोकायुक्त के दायरे में आए मुख्यमंत्री, उधर लोकपाल को लेकर अनशन शुरू करेंगे अन्ना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी अब लोकायुक्त जांच के दायरे में आ गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री पद पर रहते उन्हें जांच के लिए लोकायुक्त नहीं बुला सकेंगे। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने लोकायुक्त के जांच के दायरे में मुख्यमंत्री पद को शामिल करने को मंजूरी दी। इसके साथ ही लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। गांधीवादी व समाजसेवी अन्ना हजारे की मांग के बाद राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला किया है।

संशोधन के अनुसार मुख्यमंत्री पद पर न रहने के बतौर मुख्यमंत्री लिए गए किसी फैसले की जांच के लिए लोकायुक्त राज्यपाल की अनुमति से पूर्व मुख्यमंत्री को जांच के लिए बुला सकेगा। यह जांच इन कैमरा होगी। हालांकि कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से जुडे  फैसलों की लोकायुक्त जांच नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही लोकायुक्त और उप लोकायुक्त की नियुक्ति की शिफारस करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति गठित करने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है।

इस समिति में विधानसभा में विपक्ष के नेता, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश व राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधि विशेषज्ञ शामिल होंगे। सरकार के इस फैसले की जानकारी अन्ना हजारे को देने के लिए राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीष महाजन उनसे जल्द ही मुलाकात करेंगे। फिलहाल हजारे ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है।    

महाराष्ट्र राज्य लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम-1971 के अनुसार लोकायुक्त और उप लोकायुक्त का सृजन किया गया है। इसके अनुसार लोकायुक्त और उप लोकायुक्त कार्यालय का कामकाज 25 अक्टूबर 1972 से शुरू है। महाराष्ट्र सरकार, प्रशासन अथवा महानगर पालिका, नगर परिषद, जिला परिषद, पंचायत समिति समेत सरकार के मालिकाना हक व नियंत्रण वाले महामंडल, उपक्रम जैसी कुछ प्राधिकारी संस्था की तरफ से की गई प्रशासकीय कार्यवाही संबंधी जनता की और रिश्वत से जुड़ी शिकायतों की जांच अधिनियम के प्रावाधानों के अनुसार लोकायुक्त और उप लोकायुक्त कर सकते हैं। अब तक इसमें मुख्यमंत्री पद का समावेश नहीं था। केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्त-2013 अधिनियम को मंजूर किया है। केंद्रीय लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों का विचार करते हुए राज्य लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम-1971 में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। संशोधन से लोकायुक्त अधिक सक्षम हो सकेगा।

 

लोकपाल को लेकर अण्णा करेंगे अनशन 


उधर, अण्णा अनशन शुरू करने जा रहे हैं। लोकपाल की नियुक्ति, किसानों को उनकी फसल की लागत पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिलाने, किसानों को पूर्ण कर्जमुक्त करने जैसी मांगों को लेकर प्रसिद्ध समाजसेवी अण्णा हजारे और राष्ट्रीय किसान महासंघ से जुड़े किसान कल से देश भर में 20 जगहों पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने यहां बताया कि श्री हजारे रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन शुरू करेंगे। रालेगण सिद्धि में महासंघ की ओर से शिवकुमार कक्काजी, लक्ष्मण वंगे एवं जेके पटेल भी मौजूद रहेंगे। उन्होने बताया कि इसी के साथ चंडीगढ़, हनुमानगढ़, फरीदाबाद, भोपाल, श्रीगंगानगर, जम्मू, एर्नाकुलम, भावनगर, बंगलुरू में भी किसान नेता अनशन पर बैठेंगे। उन्होने यह भी बताया कि श्रीकांत तराल एवं संदीप गिड्डे के नेतृत्व में किसानों को जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र में किसानों की यात्रा निकाली जाएगी। इसके अलावा देश भर के हजारों गांवों में धरने शुरू किए जाएंगे। अनशन करने जा रहे अण्णा हजारे और किसान नेताआें की मांगों में केन्द्र में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति करना, किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम देना, किसानों को कर्ज मुक्त करना, देश के किसानों का न्यूनतम आय सुनिश्चित करना और फल, सब्जी व दूध का एमएसपी तय करना प्रमुखता से शामिल है। 

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