नई शिक्षा नीति लागू विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश, मुख्यमंत्री ने की बैठक 

नई शिक्षा नीति लागू विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश, मुख्यमंत्री ने की बैठक 

Tejinder Singh
Update: 2020-08-20 16:07 GMT
नई शिक्षा नीति लागू विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश, मुख्यमंत्री ने की बैठक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए राज्य के सभी विभागों के प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ और विद्वानों की समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को वर्षा में मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति की केवल घोषणा की है। राज्य में सभी विभागों के प्रतिनिधित्व वाले विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की अध्ययन समिति बनानकर नीति के संदर्भ में विचार करना उचित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई नई परिकल्पनाएं हैं। इस दृष्टि से राज्य सरकार को कानून में कई बदलाव करने पड़ेंगे। कुछ आवश्यक और अनिवार्य बदलाव स्वीकारना पड़ेगा जो बदलाव स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं अथवा उसमें कुछ अड़चन है तो उस पर भी विचार करना होगा। बैठक में स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत, मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू शामिल हुए। 

जनवरी से शैक्षणिक वर्ष शुरू करने पर करें विचार 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नया शैक्षणिक वर्ष जून महीने से शुरू होता है लेकिन कोरोना संकट के मद्देनजर अब नए शैक्षणिक वर्ष को जनवरी से दिसंबर तक करने के लिए केंद्र सरकार से चर्चा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 100 प्रतिशत विद्यार्थियों तक ऑनलाईन या फिर ऑफलाइन जो भी संभव है उस तरीके से शिक्षा पहुंचाई जाए। बैठक में स्कूली शिक्षा मंत्री गायकवाड ने कहा कि राज्य में तीन महीने से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। शिक्षा विभाग अक्टूबर में बदले हुई परिस्थिति की समीक्षा करेगी। ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई के परिणाम की समीक्षा होगी। उन्होंने बताया कि कक्षा पहली से बाहरवीं तक 25 प्रतिशत पाठ्यक्रमों को कम किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कक्षा 11 वीं की प्रवेश प्रक्रिया व्यवस्थित रूप से चल रही है। इस दौरान कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए कुछ संख्या में प्रत्यक्ष स्कूल शुरू करने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।  


 

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