इस किताब में दावा : अजित पवार ने फडणवीस से कहा था मेरे साथ हैं एनसीपी के 28 विधायक

इस किताब में दावा : अजित पवार ने फडणवीस से कहा था मेरे साथ हैं एनसीपी के 28 विधायक

Tejinder Singh
Update: 2020-11-25 16:16 GMT
इस किताब में दावा : अजित पवार ने फडणवीस से कहा था मेरे साथ हैं एनसीपी के 28 विधायक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक साल पहले भाजपा के साथ सरकार बनाने वाले अजित पवार ने उस वक्त देवेंद्र फडणवीस से दावा किया था कि उनके साथ राकांपा के 28 विधायक हैं। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। तड़के राजभवन में हुए शपथ ग्रहण मामले पर लिखी गई प्रियम गांधी की किताब ‘ट्रेडिंग पावर’ में यह दावा किया गया है। विधानसभा चुनाव के बाद जब राज्य में शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस की सरकार बनाने के चर्चाओं के बीच अजित पवार द्वारा अचानक भाजपा से हाथ मिला कर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से राजनीतिक भूकंप आ गया था। इसी घटनाक्रम पर लिखी गई इस किताब में प्रियम गांधी ने दावा किया है कि जयंत पाटील को राकांपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अजित ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया था। उस वक्त अजित ने राकांपा के 28 विधायकों के साथ होने का दावा किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सारी गणित बिगाड़ दिया था। किताब के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में राकांपा के दो नेता फडणवीस से मिलने उनके सरकारी बंगले वर्षा पर गए थे। इस दौरान इन दोनों नेताओं ने संकेत दिए थे कि शरद पवार को भाजपा को समर्थन देंगे। फडणवीस ने इस बात की जानकारी तत्कालिन भाजपा  अध्यक्ष अमित शाह को दी।

इस लिए शरद पवार ने बदला पाला

दूसरे दिन अमित शाह के घर पर शरद पवार, अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडणवीस की बैठक हुई। इस बैठक में शरद पवार ने भाजपा को समर्थन देने की इच्छा जताई।  इसके बाद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दूसरी तरफ राज्य में राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए शिवसेना-कांग्रेस कई चीजे छोड़ने को तैयार थे। ऐसे में शरद पवार को भाजपा की बजाय शिवसेना-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना अपने हित में लगा। इस लिए उन्होंने भाजपा के साथ जाने का अपना फैसला बदल दिया। हालांकि शरद पवार का यह रुख अजित पवार को पसंद नहीं आया था। उनका मानना था कि तीन दलों की सरकार चलाना मुश्किल होगा। अजित भाजपा के साथ सरकार बनाना चाहते थे। गांधी के मुताबिक इन सब घटनाक्रमों के बीच अजित ने फडणवीस से मुलाकात कर चर्चा की। उस दौरान फडणवीस ने अजित से पूछा कि क्या यह संभव होगा तो जवाब में अजित ने दावा किया उनके साथ राकांपा के 28 विधायक हैं। 

दूसरी तरफ 22 नवंबर को नेहरु सेंटर में शिवेसना, राकांपा व कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक के खत्म होते ही अजित फडणवीस से मिलने के लिए वर्षा बंगले पर पहुंचे और तुरंत सरकार बनाने को लेकर बात की। फडणवीस ने अमित शाह को फोन कर कहा कि हमें सरकार बनाने का दावा जल्द करना पड़ेगा। जिस पर शाह ने राज्यपाल को समर्थन पत्र देकर सरकार बनाने का दावा करने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘राज्य से राष्ट्रपति शासन कैसे हटाना है यह मैं देखता हूं।’ अजित पवार के पास विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र थे। इस आधार पर राज्यपाल ने सरकार बनाने का उनका दावा स्वीकार कर 23 नवंबर 2019 को तड़के फडणवीस व अजित पवार को शपथ दिला दी। 

कौन हैं प्रियम गांधी 

लेखिका, राजनीतिक रणनीतिकार प्रियम गांधी मोदी अब तक कई किताबे लिख चुकी हैं। वे कई अखबारों के लिए कॉलम लिखती हैं। प्रियंम ने इसके पहले नारायण राणे पर किताब लिख चुकी हैं। प्रियम गांधी ने दावा किया है कि उनकी नई किताब में इस बात का भी उल्लेख है कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन क्यों टूटा। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि यह किताब देवेंद्र फडणवीस ने लिखवाई है।    

 

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