मुख्यमंत्री ने कहा - खेतिहर मजदूरों को मिलेगा 2 रुपए किलो चावल

मुख्यमंत्री ने कहा - खेतिहर मजदूरों को मिलेगा 2 रुपए किलो चावल

Tejinder Singh
Update: 2019-11-06 13:44 GMT
मुख्यमंत्री ने कहा - खेतिहर मजदूरों को मिलेगा 2 रुपए किलो चावल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण नुकसान प्रभावित इलाकों के किसानों और खेतिहर मजदूरों को आवश्यकता पड़ने पर 2 रुपए प्रति किलो गेहूं और 3 रुपए प्रति किलो की दर से चावल दिया जाएगा। बैंकों के माध्यम से किसानों के बकाया कर्ज की सख्ती से वसूली नहीं की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संबंधित अफसरों को निर्देश दिए हैं।  प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी। बुधवार को मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान को लेकर पालक मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद मुनगंटीवार ने बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली निधि का इंतजार किए बिना अपनी ओर से आकस्मिक निधि से किसानों को नुकसान भरपाई देगी। मुनगंटीवार ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण 34 जिलों में लगभग 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान होने का अनुमान है। इसमें से अब तक 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का पंचनामा पूरा हो चुका है। मुनगंटीवार ने कहा कि फसल बीमा की राशि मिलने में किसानों को अड़चन नहीं आए इसको लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। मुनगंटीवार ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से खेतों की सफाई की जाएगी। इसके साथ ही चारे की पैदावार के लिए अधिकारियों को सूचना दी गई है। मुनगंटीवार ने कहा कि खरीफ की फसलों के कारण हुए नुकसान के बाद अब रबी की फसलों के बुवाई का क्षेत्र बढ़ने की संभावना है। इस दृष्टि से मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को उचित व्यवस्था करने को कहा है। 

उद्धव की घोषणा लागू करे सरकार

वहीं प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश के कारण 60 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने किसानों को 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर नुकसान भरपाई देने की घोषणा की है। शिवसेना के मंत्रियों ने इस घोषणा को तत्काल लागू करने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने सहमति जताई है। कदम ने कहा कि कोंकण में मछुआरों को निर्वाह भत्ता देने की मांग की गई है। शिवसेना विधायक दल के नेता व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने किसानों की मदद के लिए 10 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। लेकिन यदि 25 हजार रुपए प्रति हेक्टयर के हिसाब से मदद दी गई तो लगभग 17 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। इस मांग पर मुख्यमंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है। शिंदे ने कहा कि सभी किसानों को 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मदद देने की मांग की गई है। नुकसान भरपाई की मदद में किसानों के लिए 2 हेक्टेयर खेती की सीमा नहीं होनी चाहिए। शिंदे ने कहा कि किसानों की मदद के लिए बीमा कंपनियों को सख्त भूमिका नहीं अपनानी चाहिए। प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि बेमौसम वर्षा से प्रभावित इलाकों में विद्यार्थियों के एसटी बस पास के किराए को अप्रैल तक के लिए माफ करने की मांग की गई है। इसलिए लिए एसटी महामंडल को राज्य सरकार की ओर से पैसे दिए जाने चाहिए। 

बैठक में आने पर शिवसेना मंत्रियों का स्पष्टीकरण 

शिवसेना की ओर से प्रदेश के पर्यावण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों की मदद के लिए बैठक बुलाई गई थी। इसलिए शिवसेना के मंत्री पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश पर बैठक में शामिल हुए। कदम ने कहा कि जनता के बीच ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि किसानों के जीने-मरने का सवाल है और शिवसेना बैठक में शामिल नहीं हुई। इसके लिए हमने बैठक में हिस्सा लिया। विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री और शिवसेना के मंत्रियों का आमना-सामना हुआ पर भाजपा और शिवसेना के बीच तल्खी बरकरार नजर आई। 

नई सरकार बनाने पर चर्चा नहीं - मुनगंटीवार 

भाजपा नेता मुनगंटीवार ने कहा कि पालक मंत्रियों की बैठक में प्रदेश में नई सरकार बनाने को लेकर शिवसेना के मंत्रियों से कोई चर्चा नहीं हुई। मुनगंटीवार ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सत्ता के बजाय किसानों की मदद करने की है। सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना में से कौन सा दल जिद पर अड़ा हुआ है। इस सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि इस सवाल का जवाब वक्त के साथ आपको मिल जाएगा। मुनगंटीवार ने दावा किया कि बैठक में ऐसा नजर नहीं आया कि भाजपा और शिवसेना के मंत्री अलग-अलग हैं। राज्य में नई सरकार बनाने के सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि यह सत्य नहीं है कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना विपक्षी दल कांग्रेस की मदद लेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना की सरकार बनने की अच्छी खबर का इंतजार करना चाहिए। कभी भी अच्छी खबर मिल सकती है। इसी बीच चंद्रपुर में नदी किनारे बाघ के फंसने के सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि बाघ कोई भी हो उसका संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा। 
 

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