काजी की नियुक्ति के मापदंड में बदलाव के लिए कमेटी गठित, दो महीनों में सरकार को सौंपनी होगी रिपोर्ट 

काजी की नियुक्ति के मापदंड में बदलाव के लिए कमेटी गठित, दो महीनों में सरकार को सौंपनी होगी रिपोर्ट 

Tejinder Singh
Update: 2020-05-05 11:26 GMT
काजी की नियुक्ति के मापदंड में बदलाव के लिए कमेटी गठित, दो महीनों में सरकार को सौंपनी होगी रिपोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने काजी, प्रमुख काजी और अतिरिक्त काजी की नियुक्ति करने के लिए व्यक्तियों की पात्रता के संबंध में निश्चित किए गए मापदंड में सुधार के लिए समिति गठित की है। राज्य के अल्पसंख्यक विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जयश्री मुखर्जी इस समिति की अध्यक्ष होंगी। मंगलवार को अल्पसंख्यक विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया।शासनादेश के अनुसार समिति काजी की नियुक्ति के मापदंड में सुधार के संबंध में सुझाव देगी। इस समिति को दो महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। समिति के सदस्य के रूप में औरंगाबाद स्थित राज्य वक्फ मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अहमदनगर के श्रीरामपुर स्थित काजी समाज सेवा संघ के अध्यक्ष काजी अकबर अली, औरंगाबाद के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डी यू मुल्ला, मुंबई स्थित मदतपुरा बड़ी मस्जिद के मुफ्ति जुबैर अहमद, मुंबई के पायधुनी स्थित दर्याबादी दवाखाना के मौलाना मोहम्मद अहमद खान, मुंबई के माझगांव के मौलाना जहिर अब्बास रिजवी, मुंबई के काजी मेहताब शामिल किए गए हैं। अल्पसंख्यक विकास विभाग के सहसचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे। 

राज्य में काजी अधिनियम 1880 की धारा 2 के प्रावधानों के तहत मुस्लिम समाज की बस्तियों में काजी की नियुक्ति करने का अधिकार सरकार को प्राप्त है। मुस्लिम समाज में काजी निकाह संपन्न कराते हैं साथ ही उनपर मैरिज सर्टिफिकेट देने की भी जिम्मेदारी होती है। प्रदेश में महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद राज्य में काजी, प्रमुख काजी और अतिरिक्त काजी की नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने के संबंध में 7 जनवरी को शासनादेश जारी किया गया था लेकिन 10 जनवरी को एक नया शासनादेश जारी कर काजी की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी। अब सरकार ने काजी की नियुक्ति के मापंदड में बदलाव के लिए शासनादेश जारी किया है। 

 

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