जहां है लोकसभा चुनाव का स्ट्रांग रुम वहीं पहुंच गया कंप्युटर से लोड ट्रक, मच गया हंगामा 

जहां है लोकसभा चुनाव का स्ट्रांग रुम वहीं पहुंच गया कंप्युटर से लोड ट्रक, मच गया हंगामा 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-20 08:35 GMT
जहां है लोकसभा चुनाव का स्ट्रांग रुम वहीं पहुंच गया कंप्युटर से लोड ट्रक, मच गया हंगामा 

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला मुख्यालय स्थित एक्सीलेंस स्कूल रविवार को सुर्खियों में आ गया, क्योंकि यहां कम्प्यूटर से लोड एक मिनी ट्रक स्ट्रांग रूम परिसर में दाखिल हो गया और यह खबर मिलते ही भाजपा प्रत्याशी और सांसद गणेश सिंह मौके पर पहुंच गए। दोनों नेताओं ने बगैर अनुमति ट्रक के प्रवेश पर कड़ी आपत्ति जताई। सिंह ने सवाल उठाया कि जब इसी स्कूल परिसर के अंदर लोकसभा चुनाव का स्ट्रांग रुम स्थित है तो फिर कंम्प्यूटर से लोड ट्रक वहां किस प्रयोजन से भेजा गया?

ट्रक ड्राइवर के पास भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं था। उन्होंने स्कूल परिसर में प्रवेश के लिए अधिकार पत्र जारी किए जाने की भी मांग की। बीजेपी प्रत्याशी गणेश सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं से संदेहास्पद स्थिति बनती है और मतगणना प्रक्रिया की पवित्रता और पारदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह लगते हैं।

क्या है पूरा मामला 
उल्लेखनीय है, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिला मुख्यालय के 6 सरकारी स्कूल स्मार्ट क्लासेस के लिए चिन्हित हैं। इन्हीं में से एक एक्सीलेंस स्कूल के 18 कमरों में स्मार्ट क्लासेस बनाई जानी है। सभी स्कूलों के स्मार्ट क्लासेस का मेन सर्वर भी इसी एक्सीलेंस स्कूल में ही प्रस्तावित है। इसी प्रयोजन से 420 सीपीयू और 126 मानीटर से लोड मिनी ट्रक एक्सीलेंस स्कूल भेजा गया। चूंकि इसी परिसर में लोकसभा चुनाव का स्ट्रांग रुम भी स्थिति है, लिहाजा हंगामा स्वाभाविक है। मामला संज्ञान में आने पर मिनी ट्रक में लोड कम्प्यूटर के सीपीयू और मानीटर अंतत: कन्या धवारी स्थित सरकारी स्कूल में अनलोड कराए गए।  

सुरक्षा पर संदेह की गुंजाइश नहीं
उधर, इसी मसले पर जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डा.सतेन्द्र सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के स्ट्रांग रुम की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर संदेह की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रुम वास्तव में एक्सीलेंस स्कूल परिसर के हाई सिक्योरिटी जोन में स्थित है। इसका विस्तार समूचे स्कूल परिसर में नहीं है। जहां स्ट्रांग रुम है, वहां अनाधिकृत प्रवेश संभव नहीं है। सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएएफ और फिर जिला पुलिस बल का चार चक्र का सख्त घेरा है। गजटेड आफीसर निरंतर निगरानी करते हैं। इसके अलावा 53 सीसीटीवी कैमरों की मदद से चप्पे -चप्पे पर नजर है।
 

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