मध्यप्रदेश कांग्रेस की विवादित पुस्तिक पर महाराष्ट्र में संग्राम, शिवसेना ने साधा निशाना

मध्यप्रदेश कांग्रेस की विवादित पुस्तिक पर महाराष्ट्र में संग्राम, शिवसेना ने साधा निशाना

Tejinder Singh
Update: 2020-01-03 15:16 GMT
मध्यप्रदेश कांग्रेस की विवादित पुस्तिक पर महाराष्ट्र में संग्राम, शिवसेना ने साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्यप्रदेश कांग्रेस सेवादल द्वारा विनायक सावरकर पर लिखी आपत्तिजनक पुस्तिका बांटे जाने को लेकर महाराष्ट्र में भाजपा आक्रामक हो गई है। पुस्तिका में सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक रिश्तों की बात लिखी गई है। जहां एक ओर सावरकर के पोते ने पुस्तिका पर पाबंदी लगाकर मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना पर भी निशाना साधा है। वहीं शिवसेना बचाव की मुद्रा में है और शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि सावरकर महान व्यक्ति थे और रहेंगे और एक वर्ग उनके खिलाफ हमेशा बोलता रहा है और उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है। 

सावरकर के पोते से नहीं मिले उद्धव 

किताब में लिखी आपत्तिजनक बातों से नाराज सावरकर के पोते रणजीत सावरकर शुक्रवार को मामले में कार्रवाई की मांग करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने मंत्रालय पहुंचे थे। उन्हें उद्धव की ओर से कार्यालय के बाहर इंतजार करने का संदेश भेजा गया लेकिन रणजीत इंतजार करते रह गए और उद्धव दूसरे दरवाजे से बाहर निकल गए। ठाकरे के इस कदम से साफ है कि भले ही संजय राऊत सावरकर का विरोध करने वालों को गलत ठहरा रहे हैं लेकिन पार्टी इस मुद्दे पर कार्रवाई कर कांग्रेस के साथ किसी तरह की सीधे टकराव से बचना चाहती है। 

कांग्रेस-शिवसेना पर भाजपा का निशाना

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे लिए पूज्यनीय स्वतंत्रवीर सावरकर को लेकर अत्यंत निचले स्तर की बातें लिखकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी विकृत मानसिकता का परिचय दिया है। यह किताब कांग्रेस के बौद्धिक और मानसिक दीवालिएपन की निशानी है। फडणवीस ने कहा कि हमें इस बात का जवाब चाहिए कि इस तरह के मानसिक दीवालिएपन की शिकार पार्टी के साथ अनैसर्गिक गठबंधन करने वाली शिवसेना क्या इसका विरोध करेगी और पुस्तिका पर महाराष्ट्र में पाबंदी लगाएगी। फडणवीस ने मुख्यमंत्री को किताब पर तुरंत पाबंदी की घोषणा करनी चाहिए। अगर शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज जिंदा होते तो उन्हें अपनी खास शैली में इस पर प्रतिक्रिया दी होती। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने भी मांग की है कि कांग्रेस इस पुस्तिका को तुरंत वापस ले और इस पर माफी मांगे। पाटील ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व ने देश के विभाजन को मंजूरी दी और अब इसका दोष सावरकर पर डाला जा रहा है। महात्मा गांधी की हत्या के मामले में अदालत सावरकर को निर्दोष बता चुकी है। इसके बावजूद कांग्रेस उन्हें इस मामले से जोड़ने का कुत्सित प्रयास करती है। पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक आशीष शेलार ने भी महाराष्ट्र में पुस्तिका पर पाबंदी की मांग की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जमाने में पुस्तिका महाराष्ट्र पहुंचने में देर नहीं लगेगी इसलिए सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। 

कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा

इस बीच प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले विनायक सावरकर भाजपा को स्वीकार हैं क्या? उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवा दल द्वारा प्रकाशित पुस्तिका में छपी कुछ बातों का पार्टी समर्थन नहीं करती। हमारा मानना है कि राजनीति में किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत चरित्र हनन संघ (आरएसएस) का काम है कांग्रेस का नहीं।


 

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