विधानसभा चुनाव के पहले घमासान, उम्मीदवारों के नाम घोषित होते ही बवाल

विधानसभा चुनाव के पहले घमासान, उम्मीदवारों के नाम घोषित होते ही बवाल

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-03 05:35 GMT
विधानसभा चुनाव के पहले घमासान, उम्मीदवारों के नाम घोषित होते ही बवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव के पहले ही घमासान की स्थिति बनी हुई है।  विभिन्न पार्टियों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने सिलसिला जारी है। इसके साथ ही इच्छुक उम्मीदवार व उनके समर्थकों में नाराजगी साफ दिखाई दे रही है। उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल होने के बाद स्थिति और बदल सकती है।

एनसीपी के उम्मीदवार

काटोल विधानसभा क्षेत्र से अनिल देशमुख व हिंगना-वाड़ी क्षेत्र से विजय घोडमारे राकांपा के उम्मीदवार होंगे। राकांपा ने बुधवार को 77 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। उसमें जिले में दो सीटों के लिए नामों की घोषणा की गई है। विदर्भ में राकांपा के उम्मीदवारों में हिंगनघाट में राजू तिमांडे, पुसद में इंद्रनील नाईक, सिंदखेड़ राजा में राजेंद्र शिंगणे व मूर्तिजापुर में रविकुमार राठी शामिल हैं।

सीटों की साझेदारी तय नहीं

गौरतलब है कि राकांपा व कांग्रेस के बीच सीटों की साझेदारी तय नहीं हो पाई है। काटोल में अनिल देशमुख ने काफी समय से चुनाव की तैयारी की है, लेकिन कुछ समय से चर्चा थी कि अनिल देशमुख के स्थान पर उनके पुत्र सलील देशमुख राकांपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। काटोल क्षेत्र में 2014 में भाजपा जीती थी, लेकिन भाजपा विधायक के इस्तीफे के बाद इस क्षेत्र के लिए उपचुनाव करने की स्थिति बनी थी। मामला न्यायालय में जाने के बाद उपचुनाव लंबित रहा। इस क्षेत्र के लिए भाजपा के इच्छुक उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं, लेकिन नाम घोषित नहीं किए गए हैं। हिंगना में विजय घोडमारे भाजपा के विधायक रहे हैं। 2014 में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। इस क्षेत्र में राकांपा के रमेश बंग का प्रभाव रहा है। कुछ दिन पहले ही घोडमारे राकांपा में शामिल हुए। उनका मुकाबला विधायक व भाजपा उम्मीदवार समीर मेघे से होगा। 

दटके के समर्थन में प्रदर्शन

कोहले समर्थकों का दर्द छलक ही रहा था कि मध्य नागपुर से प्रवीण दटके के समर्थक पहुंच गए। दटके भाजपा के शहर अध्यक्ष भी हैं। दटके समर्थकों का कहना है कि मध्य नागपुर के विधायक को केवल जाति देखकर उम्मीदवार बनाया गया है। दटके को चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहने के बाद भी मौका नहीं दिया गया। दटके समर्थकों ने मध्य नागपुर के महल क्षेत्र के बड़कस चौक में सुबह ही प्रदर्शन कर डाला। हाथ में बैनर पर लिखा था-जाति के आगे योग्यता हारी। 21 वी सदी में भी हम जाति देख रहे हैं। कोहले अपने समर्थकों के साथ गडकरी से मिलने पहुंचे थे। दटके के केवल समर्थक पहुंचे थे। 

कोहले समर्थकों का प्रदर्शन

दक्षिण नागपुर के विधायक सुधाकर कोहले अपने समर्थकों के साथ नितीन गडकरी से मिलने के लिए रामनगर स्थित उनके आवास पर पहुंचे। काेहले को भाजपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया है, लिहाजा उनके समर्थक नाराजगी जता रहे हैं। कोहले के साथ प्रमुख दावेदार रवींद्र भोयर भी थे। गडकरी ने सभी कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। कार्यकर्ताओं ने मोहन मते को उम्मीदवार घोषित किए जाने का विरोध किया है। 

कामठी सीट पर सस्पेंस कायम

कामठी विधानसभा क्षेत्र से पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस कायम है। बुधवार को भाजपा ने 14 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। उसमें बावनकुले का नाम शामिल नहीं है। रामटेक व काटोल विधानसभा क्षेत्र के लिए भी उम्मीदवार घोषित नहीं िकए हैं। उधर एक दिन पहले ही भाजपा में प्रवेश लेनेवाले गोंदिया के विधायक गोपाल अग्रवाल को गाेंदिया क्षेत्र से ही उम्मीदवार घोषित किया गया है। दूसरी सूची में प्रशासनिक अधिकारी रमेश मावसकर भी शामिल हैं। अमरावती खाद्य अापूर्ति विभाग के अपर आयुक्त रमेश मावसकर मेलघाट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। अहेरी से पूर्व राज्यमंत्री व विधायक अंबरीश आत्राम को मौका दिया गया है। धामणगांव रेलवे में प्रताप अड़सूल, पुसद में निलय नाईक व उमरखेड़ निर्वाचन क्षेत्र से नामदेव ससाने भाजपा उम्मीदवार होंगे। 

कांग्रेस से शेलके, हजारे को टिकट

बुधवार की देर रात कांग्रेस ने 20 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इसमें मध्य नागपुर से ऋषिकेश (बंटी) शेलके और पूर्व नागपुर से पुरुषोत्तम हजारे के नाम की घोषणा की गई है। दक्षिण नागपुर में गिरीश पांडव को कांग्रेस उम्मीदवार घोषित करते ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे के समर्थकों ने नाराजगी जताई है।

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