महाराष्ट्र सदन घोटाले के आरोपी भुजबल की जमानत अर्जी खारिज

महाराष्ट्र सदन घोटाले के आरोपी भुजबल की जमानत अर्जी खारिज

Tejinder Singh
Update: 2017-12-18 15:57 GMT
महाराष्ट्र सदन घोटाले के आरोपी भुजबल की जमानत अर्जी खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष कोर्ट ने महाराष्ट्र सदन के कथित घोटाले और मनी लांडरिंग के आरोपों के तहत जेल में बंद राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल सहित उनके भतीजे समीर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। जस्टिस एस आजमी ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। यह पहला मौका नहीं है जब भुजबल की जमानत अर्जी को खारिज किया गया है। इससे पहले कोर्ट ने कई बार भुजबल की जमानत अर्जी को निरस्त किया था।

पिछले साल गिरफ्तार हुए थे भुजबल
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भुजबल को इस मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया था। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट मे मनी लांडरिंग कानून की धारा 45 को असंवैधानिक ठहरा दिया था। इस आधार पर भुजबल ने ED की विशेष कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की थी। जमानत आवेदन में भुजबल ने कहा था कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। उन्हें हिरासत में रखने की जरुरत नहीं है। महाराष्ट्र सदन घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्हें इस मामले मे फंसाया गया है।

भुजबल की जमानत अर्जी का विरोध
ED की अोर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हितेन वेणेगांवकर ने भुजबल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने अब तक 857 करोड रुपए में से 830 करोड रुपए की संपत्ति को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इस संपत्ति का स्त्रोत क्या है अब तक आरोपी ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी है। इसके दो ही मायने हो सकते है। एक आरोपी ने अपना गुन्हा मान लिया है या फिर उनके पास संपत्ति के स्त्रोत को लेकर कोई जानकारी नहीं है।

खरीदी गई खदान के संबंध में जांच जारी
आरोपी की ओर से विदेश में खरीदी गई खदान के संबंध में अभी भी जांच जारी है। इसके अलावा आरोपी काफी प्रभावशाली नेता है वे मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित कर सकते है। इसलिए उन्हें जमानत न दी जाए। उन्होंने कहा कि कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने धारा 45 को असंवैधानिक ठहाया है लेकिन भुजबल पर मनीलांडरिंग कानून की धारा 24 के तहत भी आरोप है। यह काफी कड़ी धारा है। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने भुजबल व उनके भतीजे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। 

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