अदालत ने कहा यदी सैक्स रैकेट से छुड़ाई महिलाओं को सुधारगृह से छोड़ा, तो उसी दलदल में फिर जाएंगी फस

अदालत ने कहा यदी सैक्स रैकेट से छुड़ाई महिलाओं को सुधारगृह से छोड़ा, तो उसी दलदल में फिर जाएंगी फस

Tejinder Singh
Update: 2019-07-17 13:43 GMT
अदालत ने कहा यदी सैक्स रैकेट से छुड़ाई महिलाओं को सुधारगृह से छोड़ा, तो उसी दलदल में फिर जाएंगी फस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने वेश्यावृत्ति से छुडाई गई दो महिलाओं को उनके रिश्तेदारों के पास भेजने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि महिलाओं को जिस व्यवसाय से छुडाया गया है वे भविष्य में फिर से उसी में शामिल हो जाएगी। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा महिलाओं को सुधारगृह में ही रखा जाए। महिलाओं को सतारा स्थिति शासकीय सुधारगृह में रखा गया है। वेश्यावृत्ति से छुडाई गई दो महिलाओं को सुधार गृह से छोड़े जाने की मांग को लेकर उनकी बहनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे न्यायमूर्ति एसएस शिंदे ने खारिज कर दिया है।  

इससे पहले पीिड़त महिलाओं की बहनों ने मैजिस्ट्रेट व सत्र न्यायालय में इस संबंध में आवेदन दायर किया था लेकिन निचली अदालत ने भी आवेदन को खारिज कर दिया था। इसलिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।  एक याचिका में कहा गया था कि पीड़ित महिला का एक सात साल का बच्चा है इसलिए उसे सुधार गृह से छोड़ दिया जाए जबकि दूसरी याचिका में कहा गया था कि यदि पीड़िता को नहीं छोड़ा गया तो निजी कंपनी में लगी उसकी नौकरी चली जाएगी। याचिका में दावा किया गया था कि दोनों पीड़िता वयस्क है इसलिए वे अपने बारे में फैसला ले सकती है। 

याचिका में उल्लेखित तथ्यों पर दौर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि निचली अदालत ने पीड़िताओं की परिस्थिति के बारे में पड़ताल करने के बाद ही उन्हें सुधारगृह में भेजा है।  ऐसे में यदि यदि पीड़ित महिलाओं को सुधारगृह से छोड दिया जाता है, तो वे भविष्य में दोबारा वेश्यावृत्ति के व्यवसाय में शामिल हो सकती है। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। निचली अदालत ने पीड़ित महिलाओं के हित व पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुधार गृह में भेजा है। ऐसे में पीड़ित महिलाओं को सुधारगृह में रखने का निर्णय सही है। क्योंकि वे वहां पर कुछ काम करके पैसे काम सकेगी। 
 

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