क्राइम मुक्त शहर बनाना आसान नहीं, 2700 मामलों में सस्पेंस कायम
क्राइम मुक्त शहर बनाना आसान नहीं, 2700 मामलों में सस्पेंस कायम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी को अपराध और दुर्घटना मुक्त शहर बनाने का सपना शहर पुलिस ने संजोकर रखा है। हर नागरिक का भी यही सपना है कि नागपुर भी अपराध और दुर्घटना मुक्त शहर बन जाए। पुलिस विभाग का यह विचार काबिले तारीफ भी है, लेकिन पिछले वर्ष 2019 में उपराजधानी के 33 थानों में दर्ज हुए मामले यह बयां कर रहे हैं कि पुलिस को इसके लिए कड़ी मशक्कत करने की जरूरत पड़ेगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक साल में 7722 मामले दर्ज हुए। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2019 में 5006 मामले ही सुलझा पाए। पिछले वर्ष के अभी भी 2716 मामले को उजागर करना बाकी है। यह मामले अभी तक सुलझ नहीं पाए हैं। नववर्ष में हत्या, चोरी की घटनाएं होने से पुलिस के लिए वर्ष 2020 भी चुनौती भरा नजर आ रहा है। शहर के 33 थानों की पुलिस को हजारों प्रकरणों और उससे जुड़े आरोपियों की तलाश कर उसे सुलझाना बाकी है। इन प्रकरणों में चोरी, वाहन चोरी, धोखाधड़ी, जख्मी कर फरार हुए आरोपियों और सड़क हादसे में फरार आरोपियों की तलाश पुलिस को करना है। यह गंभीर अपराध माने जा सकते हैं।
इस वर्ष भी करनी होगी मशक्कत
पुलिस विभाग के आला अफसर चाहे जो भी दावा करे, लेकिन सच यह है कि शहर पुलिस ने चोरी, वाहन चोरी, सड़क हादसे, जख्मी करने, पारिवारिक कलह, अन्य प्रकार की चोरियों जैसे अन्य कई और भी मामले हैं, जो अभी तक उजागर नहीं हो पाए हैं। अभी भी पिछले वर्ष के हजारों मामले और उससे जुड़े आरोपियों की खोजबीन करना बाकी है। इन मामलों के आरोपियों की इस वर्ष भी तलाश जारी रखनी पड़ेगी। यह बात तो तय मानी जा रही है। हाल ही में पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2019 में दर्ज अपराधों का वार्षिक रिकार्ड का लेखा-जोखा जारी किया गया था।
एक नजर वर्ष 2019 के अनसुलझे मामलों पर
सड़क हादसे के 253 मामले वर्ष 2019 में दाखिल किए गए, इसमें पुलिस ने 192 मामले उजागर किए, लेकिन 61 प्रकरण अभी भी उजागर होना बाकी है। इसी तरह शहरभर के थानों में 2404 चोरी के प्रकरण दर्ज हुए थे, जिसमें 861 मामले का खुलासा हुआ, लेकिन अभी भी 1543 चोरियों को उजागर करना बाकी है। शहर पुलिस ने वाहन चोरी के 1381 मामले दर्ज किए थे, इसमें 465 मामले का पर्दाफाश किया। इस प्रकरण में पुलिस विभाग को अभी भी 916 प्रकरणों को सुलझाना बाकी है। हां, शहर पुलिस का यह दावा काफी हद तक सफल हुआ है कि पारिवारिक कलह के मामले में अंशत: ही वृद्धि हुई है। धोखाधड़ी के 387 में से 321 ही मामले सुलझे हैं, अभी भी 66 मामले उजागर होना बाकी है। अन्य प्रकार की चोरी के 1023 मामले में 396 मामले ही सुलझा पाई, इसमें भी शहर पुलिस को 627 मामले सुलझाना है। जख्मी प्रकरणों के 963 मामले में 939 मामले सुलझ पाए हैं, अभी भी 24 मामलों में जांच जारी है।
जब तक आरोपी नहीं मिल जाते, मामलों की छानबीन शुरू रहेगी
पिछले साल के मामले की छानबीन और आरोपियों की धरपकड़ तो पुलिस करते ही रहेगी। गत दिनों एक आरोपी को लैपटाप चोरी के प्रकरण में गिरफ्तार करने के बाद उससे चोरी के 12 प्रकरण उजागर हुए हैं। इस तरीके से वर्ष 2019 में दर्ज सभी मामले की छानबीन तो पुलिस करती ही रहेगी। हर हाल में पुलिस को आपराधिक मामले सुलझाने ही पड़ते हैं।
- गजानन राजमाने, पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा