शहीद आग्रमन को विदाई देने उमड़ा जनसागर, शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

शहीद आग्रमन को विदाई देने उमड़ा जनसागर, शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-03 06:56 GMT
शहीद आग्रमन को विदाई देने उमड़ा जनसागर, शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। यवतमाल जिले के तरोड़ा के शाहीद जवान आग्रमन रहाटे को अंतिम विदाई देने जनसागर उमड़ पड़ा। गड़चिरोली में 1 मई को हुए नक्सली हमले में कमांडो और गड़चिरोली जिला पुलिस दल के जलद कृति दल के पुलिस सिपाही बक्कल नं. 5367 आग्रमन बक्षी रहाटे (34) शहीद हुए थे। आर्णी तहसील के तरोडा गांव के निवासी थे। गुरुवार की देर रात उनका पार्थिव गड़चिरोली से यवतमाल पहुंचा। शुक्रवार को उनके अंतिम संस्कार में पूरा गांव शामिल हुआ। शहीद जवान के विदाई देने आस-पास गांव से भी लोग पहुंचे।

बता दें कि मजदूरी करते-करते आग्रमन पढ़ लिखकर पुलिस दल में शामिल हुए। आग्रमन के पिता नहीं है। उन्हीं के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी थी। 1 फरवरी 2011 को गड़चिरोली जिला पुलिस दल में वे शामिल हुए। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1984 को हुआ। 5 वर्ष पूर्व ही उनकी शादी रेशमा (28) से हुई। उन्हें दो संतानें हैं। उनके परिवार में मां निर्मला बक्षी रहाटे (55), भाई आशीष (28), बड़ी बहन सुकेशना परमेश्वर डांगे (37), छोटी बहन रिना विनोद खोब्रागडे (29) है। उनका भाई तीन एकड़ असिंचाईवाली खेती करता है। वह गांव का पुलिस पटेल होने के नाते भाई के शहादत की खबर सबसे पहले उसे मिली। इसके बाद यह खबर पूरे जिले में पहुंच गई।

शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
आग्रमन रहाटे का पार्थिव यवतमाल पहुंचने के बाद शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस समय अधिकारी, पदाधिकारी, परिचित, रिश्तेदार, पुलिस दल के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पत्रकार आदि बड़ी संख्या में शामिल हुए।

 सीएम ने अर्पित की श्रद्धांजलि : आर्णी तहसील के तरोडा निवासी शहीद जवान अग्रमन बक्षी रहाटे को गड़चिरोली पुलिस मुख्यालय में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

शोक में डूबा तरोडा
तरोडा निवासी अग्रमन बक्षी रहाटे शहीद होने की खबर पहुंचते ही गांव में शोक छा गया। गरीबी में जीवन व्यतीत करनेवाले परिवार के मुखिया बक्षी रहाटे का 15 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। मां निर्मला रहाटे ने बच्चों को पढ़ाकर अच्छे संस्कार दिए। 3 एकड़ असिंचाईवाली खेती कर पालन-पोषन किया। आर्णी के तहसीलदार श्रीकांत निले को प्रशासन द्वारा शहीद की खबर उसके भाई पुलिस पटेल आशीष को मिली थी, जिससे वह रात में ही उसके मित्रों के साथ गड़चिरोली रवाना हुआ था। 

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