डकैत बबुली कोल ने खोवा व्यापारी की रिहाई के लिए 50 लाख की फिरौती

डकैत बबुली कोल ने खोवा व्यापारी की रिहाई के लिए 50 लाख की फिरौती

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-19 07:48 GMT
डकैत बबुली कोल ने खोवा व्यापारी की रिहाई के लिए 50 लाख की फिरौती

डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट जिले के मानिकपुर थाना अंतर्गत निही गांव से अगवा किए गए खोवा व्यापारी को जिंदा छोड़ने के बदले डकैतों ने 50 लाख की फिरौती मांगी है। इतनी बड़ी रकम की मांग आने से व्यापारी के परिजन सकते में आ गए हैं। वहीं अपहरण को नकार रही पुलिस अब डकैतों को घेरने की कोशिशों में जुट गई है। कयासों के बाद अंतत:अपहरण कांड में तराई के सबसे बड़े इनामी डकैत बबुली कोल गिरोह (आईएस-262) का हाथ होने की पुष्टि हो चुकी है। खोवा व्यापारी बृजमोहन प्रसाद पांडेय पुत्र स्वर्गीय अवध किशोर पांडेय के भाई भोला प्रसाद पांडेय ने  थाना प्रभारी मानिकपुर को दी गई लिखित शिकायत में 6 लाख के इनामी गैंग लीडर के साथ उसके राइट हैंड व डेढ़ लाख के इनामी लवलेश कोल का नाम लिया है, जिनके खिलाफ पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन दोनों के अलावा  गैंग में 2-3 और डकैतों के शामिल होने की बात सामने आई है।
 

भाई को किया फोन

अपहरण के 10 घंटे बाद एक डकैत ने बृजमोहन प्रसाद के दूसरे भाई भरत प्रसाद पांडेय के मोबाइल पर फोन कर दो दिन के भीतर 50 लाख रूपए देकर भाई को छुड़ा ले जाने की धमकी दी। साथ ही यह भी कहा कि अगर पुलिस को बताया तो तुम्हारे भाई को जान से मार देंगे। उधर सूत्रों से पता चला है कि व्यापारी के परिजन ने मध्यस्थों के जरिए फिरौती की रकम कम कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। 

क्या है मामला

भोला प्रसाद के मुताबिक 15 अगस्त की रात लगभग 9 बजे बृजमोहन जब घर के बरामदे में दूध से खोवा बनाने की तैयारी कर रहे थे, तभी 2 बंदूकधारी डकैत आ धमके। उन्होंने भाई को बंदूक के निशाने पर ले लिया और पत्नी व उनका मोबाइल भी छीन लिया, फिर घर का दरवाजा बाहर से बंद करते हुए बृजमोहन को अपने साथ ले गए। खोवा व्यापारी का मकान बस्ती से दूर होने के कारण किसी को भनक तक नहीं लगी। अगली सुबह जब उनकी पत्नी ने छत पर जाकर शोर मचाया, तब किसी ग्रामीण ने दरवाजा खोला। इसके बाद ही अपहरण की बात सामने आई। 

जंगल में उतरी आधा दर्जन टीमें

16 अगस्त की सुबह खोवा व्यापारी के अगवा होने की खबर मिलते ही चित्रकूट एसपी मनोज झा मानिकपुर पहुंच गए थे, लेकिन पूरे दिन चुप्पी साधे रही। बेहद गोपनीय तरीके से डकैतों पर दबाव बनाने की कोशिश चलती रही, पर जब बात नहीं बनी तो मानिकपुर-मारकुंडी और बहिलपुरवा थाना प्रभारियों के साथ एडी दस्ते को जंगल में उतार दिया गया। वहीं सतना एसपी रियाज इकबाल से भी मदद मांगी, लिहाजा जिले के कप्तान ने नयागांव, धारकुंडी, बरौंधा व मझगवां के थाना प्रभारियों को सीमावर्ती क्षेत्र में सर्चिंग के निर्देश दे दिए। इसके अलावा एसएएफ के जवानों को भी मोर्चे पर लगा दिया। 

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