प्रकाश आंबेडकर का सनसनीखेज आरोप - पवार की वजह से नहीं हो सका था दाऊद का प्रत्यर्पण

 प्रकाश आंबेडकर का सनसनीखेज आरोप - पवार की वजह से नहीं हो सका था दाऊद का प्रत्यर्पण

Tejinder Singh
Update: 2019-03-19 17:04 GMT
 प्रकाश आंबेडकर का सनसनीखेज आरोप - पवार की वजह से नहीं हो सका था दाऊद का प्रत्यर्पण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया कि साल 1993 के मुंबई बम धमाके के बाद अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम आत्मसमर्पण करना चाहता था लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष व तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने दाऊद का आत्मसमर्पण नहीं होने दिया। मंगलवार को दादर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर भवन में पत्रकारों से बातचीत में आंबेडकर ने कहा बम धमाके के बाद दाऊद ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी से लंदन में मुलाकात करके आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर की थी। जेठमलानी ने इस प्रस्ताव को पवार के सामने रखा था। लेकिन पवार ने दाऊद का आत्मसमर्पण नहीं करवाया। आंबेडकर ने कहा कि पवार को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि क्या उन्होंने दाऊद के प्रस्ताव को तत्कालीन प्रधानमंत्री के सामने रखा था या नहीं। आंबेडकर ने कहा कि दाऊद के आत्मसमर्पण संबंधी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पता है फिर भी मोदी पवार से संबंध बनाए हुए हैं। मोदी और पवार के बीच साठंगांठ हैं। आंबेडकर ने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी ने जानबुझकर चुनाव से पहले इस मुद्दे को उठाया है ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके। 

मुझे बलि का बकरा न बनाया जाए - आंबेडकर

औरंगाबाद लोकसभा सीट के विवाद पर आंबेडकर ने कहा कि एमआईएम और पूर्व जस्टिस बीजी कोलसे पाटील के बीच में समझौता नहीं हो पाया, इसलिए मुझे बलि का बकरा न बनाया जाए। 

भाजपा की मदद करना चाहते हैं आंबेडकर: राकांपा 

दूसरी ओर आंबेडकर के इस आरोप पर राष्ट्रवादी कांग्रेस ने पलटवार किया है। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा को मदद करने के लिए आंबेडकर दाऊद के आत्मसमर्पण के मुद्दे को उठा रहे हैं। मलिक ने कहा कि पवार पहले ही अपनी भूमिका स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि आरोपी की शर्तों पर आत्मसमर्पण नहीं कराया जाता है। जो शर्ते जेठमलानी कह रहे थे वह सरकार को स्वीकार नहीं थी। इसलिए तत्कालीन सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी। 

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