कंगना के ऑफिस में बीएमसी की कार्रवाई मामले में 27 नवंबर को फैसला

कंगना के ऑफिस में बीएमसी की कार्रवाई मामले में 27 नवंबर को फैसला

Tejinder Singh
Update: 2020-11-23 15:26 GMT
कंगना के ऑफिस में बीएमसी की कार्रवाई मामले में 27 नवंबर को फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट में आगामी 27 नवंबर को फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से मुंबई महानगरपालिका की तोड़क कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाया जाएगा। हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर 2020 को इस मामले की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ 26 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी। मुंबई मनपा ने पिछले माह रनौत के बंगले में अवैध निर्माण किए जाने को लेकर वहां पर तोड़क कार्रवाई की थी। मनपा के मुताबिक रनौत ने मनपा की अनुमति के बिना अपने घर में बदलाव किया है। उनकी मुआवजे की मांग आधारहीन है और यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।  जबकि रनौत ने अपनी याचिका में मनपा की कार्रवाई को नियमों के विपरीत बताया था और  मनपा से दो करोड़ रुपए के नुकसान हर्जाने की मांग की थी। 

रनौत की याचिका के अनुसार मनपा ने तोड़क कार्रवाई को लेकर जारी की गई नोटिस पर जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि यदि मनपा रनौत की तरह हर मामले में कार्रवाई को लेकर तेजी दिखाती तो मुंबई शहर आज रहने लायक बेहतरीन जगह होता। यह कहते हुए खंडपीठ ने मनपा को आगे कार्रवाई करने से रोक दिया था।  रनौत की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बिरेंद्र सराफ ने दावा किया था कि मनपा ने दुर्भावना के तहत मेरे मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई की है। क्योंकि मेरे मुवक्किल ने राज्य सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी। इसके अलावा शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने मेरे मुवक्किल को धमकाया भी था। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने श्री राउत को इस मामले में पक्षकार बनाने के निर्देश दिया था। इस मामले में खंडपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

 
    
        
 
 

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