कंगना-बीएमसी विवाद में फैसला सुरक्षित, अभिनेत्री का ऑफिस तोड़ने के मामले की सुनवाई हुई पूरी

कंगना-बीएमसी विवाद में फैसला सुरक्षित, अभिनेत्री का ऑफिस तोड़ने के मामले की सुनवाई हुई पूरी

Tejinder Singh
Update: 2020-10-05 12:48 GMT
कंगना-बीएमसी विवाद में फैसला सुरक्षित, अभिनेत्री का ऑफिस तोड़ने के मामले की सुनवाई हुई पूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की तोड़क कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। मुंबई मनपा ने पिछले माह रनौत के बंगले में अवैध निर्माण किए जाने का आरोप लगाते हुए वहां तोड़क कार्रवाई की थी। मनपा के मुताबिक रनौत ने मनपा की अनुमति के बिना अपने घर में बदलाव किया है। इसलिए उनकी मुआवजे की मांग आधारहीन है और यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जबकि रनौत ने अपनी याचिका में मनपा की कार्रवाई को नियमों के विपरीत बताते हुए बीएमसी से दो करोड़ रुपए के नुकसान हर्जाने की मांग की थी।

रनौत की याचिका के अनुसार मनपा ने तोड़क कार्रवाई को लेकर जारी नोटिस पर जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने रनौत की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठ ने कहा था कि यदि कंगना के मामले की तरह हर मामले में कार्रवाई को लेकर बीएमसी तेजी दिखाती, तो मुंबई शहर आज रहने लायक बेहतरीन जगह होती। यह कहते हुए खंडपीठ ने मनपा को आगे कार्रवाई करने से रोक दिया था।

रनौत की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता बिरेंद्र सराफ ने दावा किया किया था कि मनपा ने दुर्भावना के तहत मेरे मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई की है। क्योंकि मुवक्किल ने राज्य सरकार के खिलाफ अलोचनात्मक टिप्पणी की थी। इसके अलावा शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता सांसद संजय राउत ने मेरे मुवक्किल को धमकाया भी था। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने राऊत को इस मामले में पक्षकार बनाने के निर्देश दिया था। सोमवार को खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
 
 

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