उद्धव ने कहा- वोट किसे दिया, खुद को ही पता नहीं चला, तो लाेकतंत्र का अपमान

उद्धव ने कहा- वोट किसे दिया, खुद को ही पता नहीं चला, तो लाेकतंत्र का अपमान

Tejinder Singh
Update: 2018-05-11 15:08 GMT
उद्धव ने कहा- वोट किसे दिया, खुद को ही पता नहीं चला, तो लाेकतंत्र का अपमान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पारदर्शी चुनाव को लेकर उठ रहे सवालों का शिवसेना ने समर्थन किया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इवीएम को लेकर सवालों को गंभीरता से लेेने की आवश्यकता है। वोट किसे दिया, खुद को ही पता नहीं चल पाए, यह ठीक नहीं, यह तो लाेकतंत्र का अपमान है। शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अपने बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। जो निर्णय ले लिया गया है। उसपर फिलहाल पार्टी कायम है। शुक्रवार को रविभवन में विदर्भ स्तरीय संगठन समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में विविध विषयों पर बात की। उन्होंने कहा कि इवीएम को लेकर जनता के बीच उठ रहे सवालों को दूर करना ही चाहिए।

ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों का शिवसेना ने किया समर्थन

इवीएम मतदान प्रकिया से कुछ सहूलियतें अवश्य मिलती है। नई पीढ़ी ईवीएम से ही मतदान कर रही है। उन्होंने बैलेट पेपर शायद देखा भी नहीं है। नई प्रणाली का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन कहीं भी कोई सवाल मिले तो उसका समाधान भी होना चाहिए। देश में सूचना अधिकार के तहत हम दूसरों की जानकारी ले लेते हैं। पर अपने ही वोट के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है कि जिसके नाम निशान पर बटन दबाया गया उसे वोट मिला भी या नहीं। संविधान ने नागरिकों काे मतदान का अधिकार दिया है। 

सरकार के कामकाज व कार्यशैली को लेकर शिवसेना के विरोध के मामले पर शिवसेना प्रमुख ने कहा-हमारा किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है। मुख्यमंत्री अच्छा काम करते हैं, तो उनके काम की सराहना भी करते हैं। जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर शिवसेना कई बार आंदोलन करती है। सरकार के समक्ष जनता की बात रखना सरकार का विरोध करना ही नहीं है। पत्रकार वार्ता में परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, राज्यमंत्री संजय राठोड, सांसद अरविंद सावंत, सांसद कृपाल तुमाने, आनंदराव अडसूल , भावना गवली समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

विदर्भ राज्य की मांग करना राजद्रोह 

शिवसेना जिला प्रमुख प्रकाश जाधव की बात का समर्थन करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा महाराष्ट्र में रहकर अलग राज्य की मांग करना राजद्रोह ही है। विदर्भ मेरा है। महाराष्ट्र का है। विदर्भ का विकास नहीं हुआ तो शिवसेना सड़क पर उतरकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस के कार्यकाल में कहा जाता था कि सत्ता का लाभ पश्चिम महाराष्ट्र को ही मिलता है। विदर्भ के खाते में पशुपालन जैसे विभाग ही आते हैं। अब स्थिति अलग है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार व अन्य प्रमुख विभागों के मंत्री विदर्भ से ही है। विदर्भ का विकास किया जाना चाहिए। हमें भी खुशी होगी। कोंकण में रिफायइनरी प्रोजेक्ट नहीं लगनेवाला है। विधायक आशीष देशमुख की मांग के अनुरुप उस प्रकल्प के लिए विदर्भ में जमीन व अच्छी सुविधाएं हो तो उसे यहां लगाया जाना चाहिए। विदर्भ विकास के हर कार्यों में शिवसेना का समर्थन है।

सर्वे पर विश्वास नहीं 

शिवसेना प्रमुख ने कहा कि उनका चुनावी सर्वे पर कोई विश्वास नहीं है। जो लोग सर्वे की खबरें दे रहे है उन्होंने साफ करना चाहिए कि शिवसेना ने कभी सर्वे नहीं कराया है।

पदाधिकारी बदलेंगे

विदर्भ में जिला स्तर पर संगठन समीक्षा में पाया गया है कि कई स्थानों पर नियुक्तियां नहीं हो पायी है। कार्यकारिणी भी नहीं बन पायी है। संगठन के कुछ पदाधिकारी जल्द ही बदले जाएंगे। फिलहाल संगठन मामले में बड़ी शिकायत नहीं आई है।

भंडारा-गोंदिया उपचुनाव पर भूमिका साफ नहीं 

भंडारा गोंदिया लोकसभा उपचुनाव के लिए शिवसेना की भूमिका साफ नहीं है। फिलहाल नामांकन दर्ज कराने की तारीख बीत गई है। शिवसेना प्रमुख ने कहा है कि नाम वापसी तक स्थिति पर नजर रखी जाएगी। जल्द ही उचित निर्णय लिया जायेगा। यह अवश्य है कि भंडारा गोंदिया उपचुनाव के लिए शिवसेना में उम्मीदवारी मांगी गई थी। लेकिन जल्द ही हाेनेवाले आम चुनाव की तैयारी को देखते हुए इस चुनाव को लेकर शिवसेना ने कोई निर्णय नहीं लिया। 

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