गड्‌ढों का सर्वे करेंगे पुलिस उपायुक्त, हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 2 सप्ताह में सौंपनी है रिपोर्ट

गड्‌ढों का सर्वे करेंगे पुलिस उपायुक्त, हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 2 सप्ताह में सौंपनी है रिपोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-08 05:30 GMT
गड्‌ढों का सर्वे करेंगे पुलिस उपायुक्त, हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 2 सप्ताह में सौंपनी है रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर शहर की सड़कों पर गड्ढों की समस्या की गंभीरता देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त चिन्मय पंडित को सर्वे करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने उपायुक्त को विशेषकर सिविल लाइंस, कामठी रोड, उप्पलवाड़ी और नरेंद्र नगर के गड्ढों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। जरूरत पड़ने पर पुलिस उपायुक्त अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के अलावा गैर-सरकारी संगठनों की भी मदद ले सकते हैं। हाईकोर्ट ने उपायुक्त से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि गड्ढे भरने के लिए मनपा को बैच मिक्स प्लांट की जरुरत है। इसके लिए मनपा की टेंडर प्रक्रिया जारी है। हाईकोर्ट ने इसकी मौजूदा स्थिति भी प्रस्तुत करने के आदेश मनपा को जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 जनवरी को रखी है।

विशेष सरकारी वकील को बदला गया  :

निचली अदालत में ट्रायल के लिए हाईकोर्ट ने एड.आर.पी.जोशी को विशेष सरकारी अधिवक्ता नियुक्त किया था। मंगलवार को एड.जोशी की विनती पर हाईकोर्ट ने उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। एड.नीरज खांदेवाले की सहमति से उन्हें अब ट्रायल के लिए विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया है। निचली अदालत को ‘डे टू डे’ ट्रायल चलाने के आदेश दिए गए हैं। मामले में एड.राहिल मिर्जा न्यायालयीन मित्र हैं। मध्यस्थी याचिकाकर्ता अजय तिवारी की ओर से एड.एम.अनिल कुमार, एड.आकांक्षा वंजारी, नासुप्र की ओर से एड.गिरीश कुंटे और मनपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.के.मिश्रा ने पक्ष रखा। 

हाईकोर्ट के आदेशानुसार, सड़क पर गड्ढों और हादसों के लिए जिम्मेदार ठेकेदार-अधिकारियों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे ही लकड़गंज जोन में एक ठेकेदार के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल जारी है। मंगलवार को पुलिस ने निचली अदालत में पूरक चार्जशीट प्रस्तुत की। मंगलवार को हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी गई। कोर्ट के ध्यान में आया कि चार्जशीट प्रस्तुत करते वक्त आरोपी कोर्ट मंे उपस्थित नहीं थे। ऐसे में हाईकोर्ट ने पुलिस को हिदायत दी कि नियमानुसार आरोपियों की उपस्थिति में ही कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत की जानी चाहिए। ऐसा न करने पर वे अपनी अनुपस्थिति का हवाला देकर चार्जशीट को अविश्वास-पात्र बता सकते हैं। कोर्ट ने सुनवाई में उपस्थित लकड़गंज पुलिस निरीक्षक नरेंद्र िहवरे को कहा कि जांच और कार्रवाई के दौरान पुलिस कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करें, यह बहुत जरूरी है। 
 

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