नेताओं के भरोसे ही समाज का विकास संभव नहीं - गडकरी

नेताओं के भरोसे ही समाज का विकास संभव नहीं - गडकरी

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-16 13:05 GMT
नेताओं के भरोसे ही समाज का विकास संभव नहीं - गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाजिक विकास के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान करते हुए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि किसी भी समाज का विकास केवल नेताओं के भरोसे नहीं हो सकता । शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक विकास की सोच पर सही मायने में काम करने से समाज का विकास होता है। आरक्षण से ही किसी का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज विकास के कार्य को आत्मविश्वास के साथ पूरा करने की आवश्यकता है। समाज का प्रभाव अधिक नहीं होने के बाद भी कई लोगों ने देश के लिए बड़ा योगदान दिया है। महात्मा फुले,सावित्रीबाई फुले व अन्य महापुरुष जाति, धर्म के बंधन में सीमित नहीं रहे। फिलहाल कृषि संकट की स्थिति है।

एक तरफ वैश्विक अर्थ व्यवस्था का विचार है तो दूसरी ओर कृषि उपज का सरप्लस उत्पादन का चक्र है। नई तकनीकी का इस्तेमाल कर अपनी प्रगति के स्वयं शिल्पकार हो सकते हैं। महात्मा फुले शिक्षण संस्था के 60 वें वर्ष के मौके पर सुरेश भट सभागृह में सोमवार को अखिल भारतीय माली समाज महाधिवेशन हुआ। इसी कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर श्री गडकरी बोल रहे थे। मंच पर उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, स्वागताध्यक्ष व महात्मा फुले शिक्षण संस्था के अध्यक्ष प्रा.अरुण पवार, पूर्व विधान परिषद सदस्य अशोक मानकर, अविनाश ठाकरे, डॉ.शेषराव उमप,डॉ.केेशवराव यावलकर, सुरेंद्र आर्य, रवींद्र अंबाडकर, रमेश राऊत सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

आरक्षण से ही संपूर्ण विकास नहीं
गडकरी ने कहा कि केवल पार्टी की टिकट मिलने व नेताओं के बड़े होने से समाज का विकास नहीं होता है। सामाजिक विकास को समझना आवश्यक है। सरकार या परमेश्वर के भरोसे पर ही रहने से लाभ नहीं होगा। व्यक्तिगत जीवन में सभी प्रगति करते हैं। समाज की प्रगति का रोडमैप तैयार करके आगे जाना होगा। समाज विकास की दिशा तय हो। धर्म से व्यक्ति बड़ा नहीं होता है। कर्तव्य के आधार पर टिकट मांगने का मार्ग समाप्त होने पर जाति के आधार लिया जाने लगता है। दीन दलित, पीड़ित लोगों के विकास के लिए आरक्षण की आवश्यता है। लेकिन केवल आरक्षण से ही संपूर्ण प्रगति नहीं हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी जाति की राजनीति नहीं की। गडकरी ने यह भी कहा कि आरक्षण नहीं होने से उनकी प्रगति हुई। वे इंजीनियर नहीं हैं लेकिन डेयर, डेविल...है। आत्मविश्वास के बल पर सड़क, पुल के निर्माण क्षेत्र में बड़ा काम किया है। इंदिरा गांधी, अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे सिंधिया, सुषमा स्वराज का नाम लेकर कहा कि देश में कई लोग आरक्षण के बिना प्रगति पथ पर बढ़े। जाति के भरोसे नहीं रहे। 21 वीं सदी में ज्ञान सबसे बड़ी संपति है। आत्मविश्वास व अहंकार में अंतर समझकर काम पर लगने का आव्हान भी उन्होंने किया।

उदयमान का नमस्कार
प्रमुख अतिथि उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य ने कहा कि उगते सूर्य को लोग नमस्कार करते हैं। इसलिए एकजुट होने की आवश्यकता है। अपनी समस्या को लेकर लगातार प्रयत्न करते रहिए, सफलता अवश्य मिलेगी। 15 वर्ष में पिछड़ते रहे उत्तरप्रदेश राज्य प्रगतिपथ पर है। उन्होंने महात्मक फुले शिक्षण संस्था के कार्यों की सराहना भी की। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रा.अरुण पवार ने रखी। संचालन डॉ.मंजूष सावरकर ने किया।
 
महात्मा फुले व सावित्री बाई फुले को भारतरत्न दिलाएंगे
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने आश्वस्त किया कि महात्मा फुले व सावित्रीबाई फुले को भारतरत्न दिलाएंगे। समाज की इस मांग के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करेंगे। भिडेवाड़ा की पहली कन्या शाला काे राष्ट्रीय स्मारक बनाने व अन्य मांगों पर भी चर्चा की गई।

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