देंवेंद्र फडणवीस को हाईकोर्ट से राहत, अर्जी खारिज
देंवेंद्र फडणवीस को हाईकोर्ट से राहत, अर्जी खारिज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राहत मिली है। फडणवीस के खिलाफ अधिवक्ता सतीश उके ने अर्जी दायर करके उन्हें मुख्यमंत्री पद और विधायकी के उपयोग से रोकने की प्रार्थना की थी। एड.उके ने चुनाव आयोग द्वारा फडणवीस को जारी हुए प्र्रमाण-पत्र पर भी स्थगन लगाने की प्रार्थना की थी। इस पर गुरुवार को हुई सुनवाई में नागपुर खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अर्जी खारिज कर दी। दरअसल, फडणवीस के बचाव में वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील मनोहर और एड.उदय डबले ने तर्क दिया कि नागपुर खंडपीठ में फडणवीस के खिलाफ चुनाव याचिका दायर करने वाले एड.उके पर अवमानना का मामला चल रहा है। हाईकोर्ट के साफ आदेश थे कि जब तक उके के खिलाफ अवमानना का प्रकरण निपट नहीं जाता, चुनाव याचिका पर सुनवाई नहीं ली जाएगी। अब तक अवमानना प्रकरण का निपटारा नहीं हुआ, ऐसे मंे नई अर्जी पर कोर्ट को आगे नहीं बढ़ना चाहिए। कोर्ट ने उनकी दलीलों को सही मान कर अर्जी खारिज कर दी। हां, उन्हें 60 दिनों के भीतर सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाने की अनुमति है।
यह है मामला
देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 4 मार्च 1996 और 9 जुलाई 1998 को दो फौजदारी अपराध दायर किए गए। दोनों अपराधों में फडणवीस ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय से 3 हजार के निजी जात मुचलके पर जमानत ली थी। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने भाजपा की ओर से दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा से पर्चा भरा। आवेदन में उन्होंने उपरोक्त दोनों मामलों की जानकारी नहीं दी। इसी को मुद्दा बना कर चुनाव याचिका में उनका चुनाव रद्द करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है। एड.सतीश उके ने फडणवीस पर अापराधिक मामले छिपा कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया है। इस प्रकरण में पूर्व में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता एड.उके ने जज पर ही कुछ आरोप लगा दिए थे, इसके चलते उन पर अवमानना का मामला चल रहा था। बाद में उन्होंने जजों पर लगाए आरोप वापस ले लिए थे।