बट्टी की मौत पर संदेह - बेटी मोनिका ने एफआईआर दर्ज करने दी थाने में अर्जी

बट्टी की मौत पर संदेह - बेटी मोनिका ने एफआईआर दर्ज करने दी थाने में अर्जी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-12 09:49 GMT
बट्टी की मौत पर संदेह - बेटी मोनिका ने एफआईआर दर्ज करने दी थाने में अर्जी

- भोपाल के निजी अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा
। भारतीय गोंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अमरवाड़ा के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की मौत पर परिवार ने संदेह जाहिर किया है। दिवंगत गोंडवाना नेता बट्टी की छोटी बेटी मोनिका बट्टी ने पिता की मौत को संदिग्ध बताते हुए भोपाल थाना खजूरी सड़क पहुंचकर एफआईआर दर्ज करने अर्जी लगाई है। मोनिका ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि उन्हें संदेह है कि अस्पताल प्रबंधन और राजनीतिक षडयंत्र व मिलीभगत के तहत उनके पिता की हत्या की गई है। गौरतलब है कि गोंडवाना नेता बट्टी की 2 अगस्त को भोपाल के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से ही गोंडवाना पार्टी सहित अन्य संगठन मौत को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग कर रहे हैं।
अब बेटी के थाने में एफआईआर की अर्जी लगाने से मामला और गर्मा सकता है। मोनिका ने बताया कि पिता श्री बट्टी का इलाज कराने वे 29 जुलाई की शाम को अस्पताल पहुंची थी। वे सामान्य चेकअप के लिए गए थे, लेकिन उन्हें भर्ती कर लिया गया। मोनिका के मुताबिक जब उन्होंने पिता के इलाज के संबंध में अस्पताल प्रबंधन व अन्य जिम्मेदार लोगों से बातचीत की तो उन्हें न तो इलाज के बारे में बताया और न ही मिलने दिया गया। अस्पताल द्वारा पिता का हेल्थ बुलेटिन भी जारी नहीं किया गया। आज दिनांक तक मेरे पिता के इलाज के संबंध में दस्तावेज, रिपोर्ट, पेसेंट केस फाइल मृत्यु के बाद भी अब तक नहीं दी गई है। जिससे संदेह है कि अस्पताल प्रबंधन और राजनीतिक षडयंत्र की मिलीभगत के तहत पिता की हत्या कर दी गई है। भोपाल के खजूरी थाने में शिकायत के दौरान मोनिका के साथ भागोपा के तमाम वरिष्ठ नेता व पदाधिकारी मौजूद थे।
एंबुलेंस से बॉडी छीनकर वापस ले ली
मोनिका ने थाने में दिए आवेदन में यह भी कहा है कि दो जुलाई को अस्पताल से सूचना आई कि आपके पिता का हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया है। जब हम पिता को लेने गए तो उनका चेहरा नहीं देखने दिया। न ही मृत शरीर सौंपा गया। बाद में समाज के लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की तो मृत शरीर सौंपा गया। जब वे पिता के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से गृह जिले छिंदवाड़ा लाने लगे तो बॉडी छीनकर वापस ले ली गई।
 

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