डॉ. समर्थ ने ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम साइकिल रेस के दौरान तय की 9100 किलोमीटर की दूरी

डॉ. समर्थ ने ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम साइकिल रेस के दौरान तय की 9100 किलोमीटर की दूरी

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-23 07:34 GMT
डॉ. समर्थ ने ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम साइकिल रेस के दौरान तय की 9100 किलोमीटर की दूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी भी कठिन परिस्थिति में एथलीट की कामयाबी उसकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता पर निर्भर रहती है, पर मेरे लिए ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम की सफलता इसलिए खास है। क्योंकि दुनिया के सबसे मुश्किल रेस में हिस्सा लेकर मुझे काफी आनंद आया। इस प्रकार की रेस को पूरा करने के लिए एक प्रकार के पागलपन की जरूरत होती है और मैं साइकिल चलाने के प्रति दीवानगी के कारण ही सफल हो पाया। हाल ही में रूस से गृहनगर लौटे डॉ. अमित समर्थ ने प्रेस से बात करते हुए यह बात कही। 

पड़ाव में जानलेवा मौसम 
समर्थ ने कहा कि इस प्रकार की रेस में भाग लेना अपने-आप में बड़ी बात है। दुनिया की सबसे कठिन रेस ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम में उन्होंने 9100 किलोमीटर की दूरी तय की। इस सफर के दौरान मिले अनुभव और कठिनाई पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि रेस को 15 पड़ाव में आयोजित किया गया था। प्रत्येक पड़ाव में मौसम सभी तरह से जानलेवा था। रेस के दौरान कभी मुझे उमस वाली भीषण गर्मी, तो कभी जीरो डिग्री वाली ठंड से गुजरना पड़ा। मैंने रूस में लगभग दो दिन तेज बारिश और बेहद खराब सड़क पर साइकिल चलाई है। डॉ. समर्थ ने कहा कि मुझे रूस के भौगोलिक परिस्थिति की जानकारी नहीं थी, इसलिए इसका विपरीत परिणाम रेस पर पड़ा। 

सोशल मीडिया ने बढ़ाया उत्साह
विश्व से केवल 6 एथलीटों को ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमें से चार ही एथलीट इस चुनौती को सफलता पूर्वक पूरा कर पाए। डॉ. समर्थ रेस में चौथे नंबर पर आए। अपने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जिन एथलीटों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, वे इससे पूर्व में भी ट्रांस साइबेरियन एक्स्ट्रीम में भाग ले चुके थे। मौसम के साथ तालमेल कैसे बैठाना है, इसकी जानकारी उन एथलीटों को थी।

डॉ. समर्थ ने कहा कि असहनीय कठिनाई के बीच रेस के तीसरे पड़ाव की समाप्ति के उपरांत मैंने इसे छोड़ने का निर्णय ले लिया था, लेकिन सोशल मीडिया पर मिल रहे प्रोत्साहन और प्रतिसाद ने मुझे इस चुनौती को पूरा करने का बल प्रदान किया। रेस के दौरान भारतीय खाने की उन्हें जमकर याद आई, पर लक्ष्य पर पहुंचने की लालसा ने सब कुछ भुला दिया। उन्होंने रेस के किंग स्टेज को सबसे मुश्किल करार दिया। डॉ. समर्थ ने कहा कि यह पड़ाव 6500 किलोमीटर के बाद आता है। 

अकादमी स्थापित करने का है सपना
डॉ. समर्थ ने कहा कि प्रो हेल्थ फाउंडेशन के माध्यम से एक स्थान पर सभी प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण मिले, इस प्रकार की अकादमी स्थापित करने का मेरा सपना है। इसके लिए लोगों से मदद की अपील भी उन्होंने की। हालांकि यह संकल्पना शुरुआती दौर में है, लेकिन आने वाले दिनों में इसे साकार करने की बात उन्होंने कही। प्रेस कांफ्रेंस में मुकुल समर्थ, चेतन थाटे, जितेंद्र नायक, रेणुका नायक, रितु जैन, निशिकांत काशीकर, अंधारे आदि मौजूद थे। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ट्वीट कर डॉ. अमित समर्थ को बधाई दी है, जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने अपने घर पर उनका स्वागत किया।

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