केन्द्रीय मंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन बस बंद, स्कैनिया ने नहीं मानी बात

केन्द्रीय मंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन बस बंद, स्कैनिया ने नहीं मानी बात

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-14 10:37 GMT
केन्द्रीय मंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन बस बंद, स्कैनिया ने नहीं मानी बात

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन बस का संचालन सोमवार, 13 अगस्त से बंद हो गया। इसके लिए स्कैनिया कमर्शियल व्हीकल प्रा.लि. ने 2 माह पहले मनपा को नोटिस दिया था, जिसे अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया। परिणाम इस रूप में देखने को मिला। देश में पहली बार इथेनॉल से ग्रीन बसों का संचालन किया गया था, जबकि शहर में पहली बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट में वातानुकूलित बसों का संचालन किया गया था। इतना ही नहीं, केन्द्रीय मंत्री ने खुद रविवार को बैठक में स्कैनिया के प्रतिनिधि से सेवा बहाल रखकर 23 अगस्त को दिल्ली में निर्णय लेने को कही, लेकिन बात नहीं बनी और यह बस सेवा बंद हो गई।

बिल लेने से इन्कार कर दिया
जीएसटी लागू होने के बाद से मनपा और स्कैनिया के बीच बिल भुगतान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, यही वजह है कि स्कैनिया ने भुगतान लेने से इंकार कर दिया था। 18 फीसदी जीएसटी का अलग से भुगतान को लेकर प्रावधान नहीं होने के कारण मनपा अधिकारियों ने भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया और स्वीडन की स्कैनिया ने भी अपनी नीति के अनुसार बस सेवा बंद करने का निर्णय ले लिया।

ये बातें प्रमुख हैं
-स्कैनिया कंपनी ने मनपा से अनुबंध के अनुसार शहर में अपनी 55 बस मंगवानी थी, लेकिन जगह नहीं होने के कारण बसों को अमरावती रोड स्थित एक जगह रखा गया। बसों को पार्क करने के लिए उचित जगह नहीं मिलने के कारण निरीक्षण के लिए कंपनी के सर्वेक्षक ने शेष बसें वापस भेज दीं और जानकारी देते हुए कहा, जब जरुरत पड़े तब मंगवाली जाएंगी।
-ग्रीन बस में एक बड़ी अड़चन यह भी थी कि, उसके लिए शहर में सवारी नहीं मिल रही थी। टिकट महंगा होने के कारण सवारी उसमें बैठने से परहेज कर रही है। यही वजह है कि, ज्यादातर ग्रीन बस खाली चलती दिखाई पड़ती हैं।
- एस्ट्रो अकाउंट नहीं होने के कारण भी कंपनी ने कई बार आपत्ति दर्ज कराई और कंपनी का करोड़ों रुपए मनपा पर बकाया हो गया, जिसका भुगतान करने में मनपा ने किसी भी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई।  

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