सीएम के जिले में लड़खड़ाई मुख्यमंत्री पेयजल योजना

सीएम के जिले में लड़खड़ाई मुख्यमंत्री पेयजल योजना

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-23 08:38 GMT
सीएम के जिले में लड़खड़ाई मुख्यमंत्री पेयजल योजना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीएम फडणवीस का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट उनके अपने ही जिले में फेल होती दिख रही है। ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री पेयजल योजना बनाई गई। नागपुर जिले के 45 गांवों का इस योजना के लिए चयन किया गया। इन योजनाओं पर 28 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। दो किस्तों में 12 करोड़ 5 लाख रुपए जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग को आवंटित की गई। इसमें से अब तक 3.5 करोड़ रुपए, अर्थात 12.5 प्रतिशत निधि खर्च हो पाई है। जिससे सीएम के जिले में मुख्यमंत्री पेयजल योजना लड़खड़ा गई है। 

अगस्त 2017 में पहला वर्क ऑर्डर जारी
5 अगस्त 2017 को सावनेर तहसील के मानेगांव में मंजूर मुख्यमंत्री पेयजल योजना का जिले में पहला वर्क ऑर्डर जारी किया गया। इसके बाद अन्य गांवों में मंजूर पेयजल योजनाओं के वर्क ऑर्डर जारी कर काम शुरू किए गए। सबसे पहले वर्क ऑर्डर जारी की गई पेयजल योजना भी अभी पूरी नहीं हुई है। जबकि ठेकेदार के साथ 15 महीने में काम पूरा करने का करार किया गया है। कमोबेश अन्य पेयजल योजनाओं का भी यही हाल है।

ग्रामीणों पर नहीं तरस
ग्रामीण में पेयजल के लिए नागरिक तरस रहे हैं। मुख्यमंत्री ने महत्वाकांक्षी प्राेजेक्ट की घोषणा कर उन्हें जलसंकट से मुक्त करने का सपना दिखाया। इस योजना पर करोड़ों रुपए निधि भी मंजूर किया गया। प्रशासन को ग्रामीणों पर तरस नहीं आ रहा है। अन्य योजनाओं की तरह मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना में भी प्रशासन की मनमानी जारी है। 

जिपं पदाधिकारियों का नियंत्रण नहीं
राज्य और जिला परिषद में भी भाजपा की सत्ता है। मुख्यमंत्री का महत्वाकांक्षी प्राेजेक्ट मुख्यमंत्री पेयजल योजना के लड़खड़ा जाने से साफ है कि जिला परिषद पाधिकारियों का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं है।

जिन ठेकेदारों ने काम पूरे किए हैं, उनके बिल भुगतान किए गए हैं। समय सीमा में सभी पेयजल योजनाएं पूरी कर ली जाएंगी। जो ठेकेदार समय सीमा में काम नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- विजय टाकलीकर, कार्यकारी अभियंता, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जिला परिषद

विभाग का खोखला दावा

ग्रामीण जलापूर्ति विभाग का दावा है कि 6 योजनाएं कार्यान्वित हो चुकी हैं। प्रत्यक्ष में एक भी योजना कार्यान्वित नहीं हुई है। काम पूरा होकर भी बिल का भुगतान नहीं होने से पेयजल योजना कार्यान्वित करने की ठेकेदारों की मानसिकता नहीं है। ग्रामीण जलापूर्ति योजना कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों में दर्शाए गए कार्यान्वित पेयजल योजनाओं का बिल बकाया है।

15 योजनाएं पहले टप्पे से आगे नहीं बढ़ी
45 पेयजल योजनाएं मंजूर हैं। इसमें से एक बोरखेड़ी फाटक योजना का काम शुरू ही नहीं हुआ। 15 योजनाएं पहले टप्पे से आगे नहीं बढ़ी। 14 योजनाएं दूसरे टप्पे में हैं। केवल 10 योजनाएं अंतिम टप्पे में प्रगतिपथ पर बताई गई है। विभाग के रिकार्ड में 6 योजनाएं कार्यान्वित बताई गई हैं।

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