अब सूखा व गीले कचरे को लेकर दुविधा में मनपा, मिश्रित प्रक्रिया को केंद्र की मंजूरी

अब सूखा व गीले कचरे को लेकर दुविधा में मनपा, मिश्रित प्रक्रिया को केंद्र की मंजूरी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-30 07:35 GMT
अब सूखा व गीले कचरे को लेकर दुविधा में मनपा, मिश्रित प्रक्रिया को केंद्र की मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कचरा संकलन व्यवस्था चरमरा गई है। नई एजेंसियां जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतर रही हैं। मनपा प्रशासन गीला, सूखा कचरा अलग-अलग संकलन की सख्ती किए जा रहा है। 1 दिसंबर के बाद एकत्रित कचरा नहीं लेने की ताकीद दी गई है। जो व्यक्ति कचरा वर्गीकृत नहीं करेगा, उसे जुर्माना लगाने की चेतावनी दी जा रही है। इसके ठीक विपरीत स्थायी समिति ने मिश्रित कचरा प्रक्रिया केंद्र को मंजूरी दी है। जब गीला, सूखा अलग-अलग संकलन की सख्ती की जा रही है, तो फिर मिश्रित कचरा प्रक्रिया केंद्र को मंजूरी देने की जरूरत क्या है। इस सवाल का जवाब स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे नहीं दे पाए।

निजी स्कूलों को दी जाएंगी मनपा की इमारतें
 विद्यार्थी नहीं मिलने से मनपा के अनेक स्कूल बंद पड़े हैं। खाली पड़ी मनपा स्कूलों की इमारतें निजी संस्थाओं को देने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। शहर के 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक में एक निजी स्कूल खोलने का प्रस्तावित है। इससे पूर्व स्कूलों की खाली इमारतों का व्यवसायिक उपयोग करने का निर्णय लिया गया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर शैक्षणिक इमारत का व्यवसायिक उपयोग करने पर रोक लगा दी गई थी। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की ओर पालकों का रुझान बढ़ रहा है। मनपा मराठी, हिंदी, उर्दू माध्यम के स्कूल चलाती है। समय के साथ मनपा से शैक्षणिक क्षेत्र में बदलाव करने का हाईकोर्ट ने सुझाव दिया था। इसी को आधार मानकर मनपा स्कूलों की खाली पड़ी इमारतों में निजी संस्थाओं को अंग्रेजी स्कूल खोलने का विभाग से प्रस्ताव दिया गया। इसे मंजूरी देकर सभागृह की अंतिम मंजूरी के लिए भेजे जाने की सभापति ने जानकारी दी। 

खरीदे जाएंगे 97.45 लाख के स्टील के डस्टबिन
घनकचरा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों के अनुसार कचरा डालने के लिए मेन रोड के किनारे 60 लीटर क्षमता के स्टील के डस्टबिन लगाए जाएंगे। 500 स्टील के डस्टबिन खरीदी के लिए स्थायी समिति ने 97 लाख 45 हजार रुपए खर्च का प्रस्ताव मंजूर किया है। इससे पहले प्लास्टिक के 400 डस्टबिन लगाए गए थे। इनके चोरी हो जाने से शहर में गिने-चुने जगह ही प्लास्टिक के डस्टबिन बचे हैं।

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