दुरंतो हादसा : मंजर देख रोने लगी थी बहन, जानिए कैसे पहुंची शहर

दुरंतो हादसा : मंजर देख रोने लगी थी बहन, जानिए कैसे पहुंची शहर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-31 12:32 GMT
दुरंतो हादसा : मंजर देख रोने लगी थी बहन, जानिए कैसे पहुंची शहर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मंगलवार तड़के नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इस घटना के बाद रेल यातायात पूरी तरह ठप हो गया। सैकड़ों यात्री चाहकर भी घर लौट ही नहीं पाए। इधर परिवार वालों की चिंता बढ़ गई।

सोमलवाड़ा की रहनेवाली अंकीता और सुप्रिया हाडके हादसे के दिन एस-3 कोच में सफर कर रही थीं। सुप्रिया अपनी छोटी बहन अंकीता को मुंबई छोड़ने जा रही थी। लेकिन कल्याण के पास तेज झटके लगे और अचानक ट्रेन रुकी, बाहर का मंजर भयानक था। कई बोगियां ट्रैक से उतरी थीं। इंजन पूरी तरह पलट गया था। ये नजारा देख छोटी बहन रोने लगी। लेकिन दोनों ने हिम्मत जुटाई, लगेज के साथ 2 किलोमीटर तक कीचड़ से भरे रास्ते को पार किया और सड़क किनारे पहुंची। फिर टैक्सी की मदद से 2 घंटे का सफर 7 घंटों में पूरा किया। इधर परिजन घबराए थे। लेकिन जैसे ही पता चला बेटियां सुरक्षित हैं, उनकी जान में जान आ गई।

बाल बाल बचे

इसी तरह एस-3 में सफर करने वाले यात्री एस.पी. त्रिवेदी महल ने कहा कि वो भगवान का लाख आभार व्यक्त कर रहे हैं। हादसे के ठीक दस मिनट पहले ही नींद से जागे थें। लेकिन अचानक एक के बाद एक 4 झटकों ने मानो उनके पैरों तले जमीन खिसका दी हो। 

पिता को हॉस्पिटल पहुंचाने में मशक्कत

परतवाडा निवासी सागर जिचकार अपने पिता के साथ बी-1 कोच में सफर कर रहे थें। पिता को किडनी संबंधित बिमारी है, उन्हें मुंबई के हॉस्पिटल शिफ्ट करना था। हादसे के बाद परेशानी का सामना कर वो जैसे-तैसे पिता को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। 

दूसरे दिन भी नागपुर-मुंबई रूट ठप

दुरंतो एक्सप्रेस बेपटरी हादसे का असर बुधवार को नागपुर स्टेशन पर दिखाई दिया। कई गाड़ियां रद्द की गई, तो कुछ परिवर्तित मार्ग से चलाई गईं। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ देखी गई। यात्री प्लेटफार्म पर ही लगेज रखकर आराम करते रहे।

यह गाड़ियां हुईं रद्द

12106 गोंदिया-मुंबई विदर्भ एक्सप्रेस
12290 नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस
22860 मुंबई-पुरी एक्सप्रेस
18030 शालीमार एक्सप्रेस
12810 हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस
18029 शालीमार एक्सप्रेस

रीफंड के वक्त कैश का टोटा

रीफंड लेने में यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान टिकट खिड़की पर कई बार कैश समाप्त हुआ। जिससे रेलवे को दूसरे विभागों से रुपए लेने की नौबत का सामना करना पड़ा। मंगलवार को पीआरएस से पहली पारी में 400 टिकट और दूसरी पारी में 425 टिकट रद्द हुए। तो बुधवार को पहली पारी में 301 व दूसरी पारी में 300 से ज्यादा टिकट रद्द किए गए। दोनों दिन टिकटों को रद्द कराने से रेलवे को करीब 12 लाख रुपए से ज्यादा की राशि यात्रियों को वापस करनी पड़ी।

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