बुजुर्ग महिला को जाना था अधारताल, लोगों ने पहुँचा दिया रतलाम के आलोट ताल

बुजुर्ग महिला को जाना था अधारताल, लोगों ने पहुँचा दिया रतलाम के आलोट ताल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-23 10:00 GMT
बुजुर्ग महिला को जाना था अधारताल, लोगों ने पहुँचा दिया रतलाम के आलोट ताल

ग्रामीणों ने मदद कर पुलिस थाने पहुँचाया, तब पहुँच पाईं अपने घर
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
 बुजुर्ग महिला ने कँपकँपाते हुए कहा कि मुझे अधारताल जाना है, लोगों ने समझा उन्हें रतलाम के आलोट ताल जाना है और उन्होंने ट्रेन में बिठाकर रतलाम भिजवा दिया। बुजुर्ग महिला चार दिन तक वहाँ अधारताल खोजती रही, लेकिन कोई नहीं बता पाया। आखिरकार कुछ ग्रामीणों ने मदद की और पुलिस थाने तक ले आए। जहाँ पुलिस ने पूछताछ के बाद बुजुर्ग महिला के पुत्र का पता लगाया और वो अपने घर अधारताल पहुँच पाईं। पीडि़त महिला लक्ष्मीबाई पति रामचरण प्रजापत ने बताया कि वो जबलपुर से ट्रेन से अधारताल के लिए बैठी थीं, जहाँ ट्रेन में कुछ लोगों ने उन्हें अकेले देखा और जब उन्होंने अधारताल कहा तो वो आलोट ताल समझे और उन्हें आलोट ताल पहुँचा दिया। चार दिनों तक लोगों से अधारताल पूछती रही, लेकिन कहीं पता नहीं लगा। आखिरकार कुछ लोग पुलिस थाने लेकर पहुँचे जहाँ ताल थाना के सब इंस्पेक्टर आरएन सिंह ने मामले को समझने के बाद अधारताल थाने फोन लगाकर मेरे बेटे से संपर्क किया और उसे आलोट आने को कहा तो उसने बताया कि वो बाहर है, वो महू में रहने वाले अपने दोस्त अजय यादव को भेज रहा है। बाद में पुलिस ने दस्तावेजी कार्रवाई कर बुजुर्ग महिला को अजय के सुपुर्द कर दिया। इस कार्रवाई में महिला आरक्षक उदिता कनासिया, सैनिक प्रकाश, जितेन्द्र ने सहयोग किया। टीआई शैलेष मिश्रा ने बताया कि वृद्ध महिला के ट्रेन से आलोट पहुँचने की सूचना पर नेता कॉलोनी में रहने वाले उसके बेटे प्रहलाद को सूचना दी गयी थी, जो कि अपनी माँ को सकुशल ले आए हैं।
 

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